झुंझुनू, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बलिदान हुए राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों में दो राजस्थान के झुंझुनू जिले से हैं।इनमें सिपाही अजय सिंह बुहाना तहसील के और बिजेंद्र सिंह डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले हैं। सेना के दोनों सिपाहियों की पार्थिव देह कल बुधवार को सुबह उनके गांव आएंगी। दोनों शहीदों के सम्मान में यात्रा निकाले जाने के बाद अंतिम विदाई दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के देसा में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में सेना के एक कैप्टन सहित 4 जवान शहीद हो गए थे। डोडा जिले में देसा जंगल के धारी गोटे उरराबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान आतंकवादी भागे, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया। घने जंगल होने की वजह से आतंकवादी सुरक्षाबलों को चकमा दे रहे थे, लेकिन सोमवार रात करीब 9 बजे मुठभेड़ समाप्त हुई। इसमें सेना के एक कैप्टन सहित 4 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन सभी ने मंगलवार को इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।
डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर मुठभेड़ में राजस्थान के झुंझुनू जिले की बुहाना तहसील के भैसावता कलां निवासी कमल सिंह नरूका के 26 वर्षीय पुत्र अजय सिंह और डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले रामजीलाल के पुत्र बिजेंद्र सिंह शहीद हुए हैं। मंगलवार की सुबह दोनों शहीदों के परिवारों को शहादत की खबर मिली। अजय सिंह की पार्थिव देह बुधवार सुबह सवा नो बजे सिंघाना से भैसावता कलां पहुंचेगी। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए थे।
शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 21 नवंबर, 2021 को शालू कंवर (24) से हुई थी। मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं। अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के एम्स में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से एमएससी क्लियर किया है। शहीद के चाचा कुर्बान सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजिमेंट में तैनात हैं। उन्हें 2022 में सेना पदक से नवाजा गया था। शहीद अजय सिंह का मूल गांव खेतड़ी के आसपास का इलाका है, लेकिन उनका परिवार 2017 से पिलानी के हरिनगर में रहता है।
मंगलवार सवेरे करीब सात बजे उनकी पत्नी शालू कंवर के पास सेना के अधिकारियों का फोन आया। इस दौरान वह अपने पीहर में थीं। शहादत की खबर सुनते ही वह बेसुध हो गई। इसके बाद उन्होंने परिवार को इसकी खबर दी। शहीद के पिता कमल सिंह को जैसे ही बेटे के शहीद होने की खबर मिली वे बिलख पड़े। लोगों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से झेला। अजय सिंह 6 साल पहले सेना में शामिल हुए थे। अजय सिंह दो महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे। इसके बाद ड्यूटी पर वापस लौट गए। दो दिन बाद 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे। इससे पहले मौके पर शहीद हो गए।
झुंझुनू जिले के डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले बिजेंद्र सिंह 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। 2021 में उनकी शादी अंकिता के साथ हुई थी। उनके दो बेटे एक चार साल का, जबकि दूसरा एक साल का है। शहीद का बड़ा भाई भी आर्मी में है। परिवार में तीन बहनें और माता-पिता भी हैं। बिजेन्द्र सिंह फरवरी में अपने घर आए थे। शहादत की खबर आने के बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
(Udaipur Kiran) / रमेश / Sunit Nigam