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रिश्वत मामले में जेडीए के तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी सहित दो को सजा

कोर्ट

जयपुर, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने 15 साल पहले विश्वकर्मा क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण को नहीं तोडऩे की एवज में 7 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में जेडीए के रिटायर हो चुके तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी ओम प्रकाश शर्मा और फील्ड सहायक कैलाश जांगिड़ को दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पीठासीन अधिकारी बृजेश कुमार शर्मा ने दोनों अभियुक्तों पर कुल तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं अदालत ने मामले में रिश्वत राशि का लिफाफा लेने वाले जीप चालक कैलाश चौधरी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि ऐसे कृत्यों से आमजन में लोक सेवकों के प्रति अविश्वास का भाव पैदा होता है। ऐसे में अभियुक्तों पे प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मंजुला जैन ने बताया कि राम बच्चन यादव ने 7 मई, 2010 को एसीबी में शिकायत दी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि वह अपना मकान बना रहा है। कुछ दिन पहले अभियुक्त मौके पर आए और नोटिस नहीं देने और निर्माण नहीं तोडऩे की एवज में उससे 40 हजार रुपए मांगे। रकम नहीं देने पर निर्माण तोडने की धमकी दी। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया और सौदा 7 हजार रुपए में तय हुआ। इस पर एसीबी ने 10 मई को तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी व जीप चालक को गिरफ्तार किया और बाद में 25 मई को फील्ड सहायक को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि उनसे रिश्वत राशि बरामद नहीं हुई है। ऐसे में उन्हें दोषमुक्त किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।

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(Udaipur Kiran)

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