Haryana

हिसार : शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का लालच दे ठगी करने वाले  दाे गिरफ्तार

केवल सेबी पंजीकृत ऐप्स के माध्यम से ही करे निवेश, निवेश के लिए कभी भी अंजान सोशल मीडिया ग्रुप पर न करें भरोसा : एसपी

हिसार, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । थाना साइबर पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का लालच दिखा 80 लाख की ठगी मामले में दो और आरोपियों मध्यप्रदेश के नीमच स्थित नया गांव निवासी अमानुदीन उर्फ अमन मंसूरी और मोहम्मद काजी उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पहले दो आरोपियों राजस्थान के कोटा निवासी राजकुमार उर्फ आयुष और शोभित उर्फ आशु को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। अब पकड़े गए अमानुदीन उर्फ अमन मंसूरी और मोहम्मद काजी उर्फ छोटू से पूछताछ जारी है।

मामले में जांच अधिकारी उप निरीक्षक सौरभ बंसल ने मंगलवार को बताया कि शिकायतकर्ता से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर ठगी गई धनराशि जिन बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई, उन बैंक अकाउंट को उपरोक्त दोनो आरोपी ऑपरेट करते थे। इस संबंध में 25 जुलाई को थाना साइबर में हिसार निवासी एक व्यक्ति ने शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का लालच दिखाकर 80 लाख की ठगी होने के बारे में सूचना दी थी।

पुलिस अधीक्षक शंशाक कुमार सावन ने कहा है कि स्टॉक खरीदने, बेचने के लिए मुफ्त ट्रेडिंग टिप्स की पेशकश कर निवेश करने के लिए प्रेरित करने वाले विज्ञापनों पर विश्वास न करें। इन विज्ञापनों में नागरिकों को स्टॉक ट्रेडिंग में आगे के मार्गदर्शन और भारी मुनाफा कमाने के लिए धोखेबाजों द्वारा एक ट्रेडिंग ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। ये एप्लीकेशन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के तहत पंजीकृत नहीं होते। उन पर धोखेबाज सिफारिशों के आधार पर पंजीकरण करते हैं और स्टॉक ट्रेडिंग शुरू करते हैं। शेयर खरीदने की रकम धोखेबाजो द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा की जाती है और डिजिटल वॉलेट में नकली मुनाफ़ा दिखाया जाता है।

जब पीड़ित डिजिटल वॉलेट से अपना ‘मुनाफ़ा’ निकालने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि यह तभी संभव है जब उनका मुनाफ़ा एक तय रकम या उससे ऊपर पहुंच जाए। इसे कंपनी की पॉलिसी मानकर पीड़ित धोखेबाजों के निर्देशानुसार लगातार निवेश करते रहते हैं। धोखेबाजों द्वारा एक समय पर पीड़ित नागरिक को उनके शेयर पर मिले अर्जित लाभ के लिए किसी चार्ज और टैक्स राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। यदि वे इनकार करते हैं, तो सभी संचार माध्यम बंद कर दिए जाते है या उपयोगकर्ता को ब्लॉक कर दिया जाता है। उस समय अधिकांश नागरिकों को एहसास होता है कि उनके साथ धोखा हुआ है।

पुलिस अधीक्षक ने नागरिकों को निवेश धोखाधड़ी के बारे में जागरूक रहने और उन्हें अज्ञात नंबरों से संदिग्ध लिंक, व्हाट्सएप कॉल और संदेशों से बचने के लिए कहा है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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