बिजनौर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने तहसील बिजनौर का आकस्मिक निरीक्षण किया तो वहां तहसीलदार न्यायालय खुला मिला परन्तु तहसीलदार एवं उनके पेशकार अनुपस्थित मिले। न्यायालय में दो व्यक्ति डायस पर कार्य करते पाये गये, जिन्होंने अपने नाम क्रमशः सुभाष कुमार एवं मुकेश कुमार बताए। सुभाष कुमार ने बताया कि वह तहसील परिसर में बैठने वाले पवन कुमार एडवोकेट के मुन्शी हैं ,वहीं मुकेश कुमार ने अपना परिचय कम्प्यूटर आपरेटर के रूप में दिया है।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि तहसीलदार न्यायालय में किसी सक्षम कर्मचारी के उपस्थित न रहने की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारित करें। उक्त दोनों कर्मचारियों के सम्बन्ध में जांच करायें कि वह सरकारी कर्मचारी हैं या बाहरी व्यक्ति हैं। यदि यह दोनों कर्मचारी बाहरी व्यक्ति हैं तो इनके विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही कर अवगत करायें।
जिलाधिकारी के निरीक्षण के समय राजस्व लिपिक का कक्ष बंद पाया गया। इस पर जिलाधिकारी को बताया गया कि उपस्थिति पंजिका का रख-रखाव राजस्व लिपिक अनीता द्वारा ही किया जाता है। अनीता को बुलाकर ताला खुलवाया गया और तत्पश्चात कर्मचारियों की उपस्थिति लगाई गई। कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराते वक्त तक चेतन स्वरूप, वासिल वाकी, नवीस, संजीव शर्मा मौहर्रिर जूडिशियल, शुभम कुमार एएमजे, बीना रानी, सुनील कुमार शर्मा रजिस्ट्रार कानूनगो, संजय सिंह एडब्लूबीएन, रामधन कनिष्ठ सहायक (चकबन्दी विभाग) अनुपस्थित पाये गये।
वहीं तहसील परिसर में आपूर्ति कार्यालय में रश्मि सिंह पूर्ति निरीक्षक, अनुज कुमार पूर्ति निरीक्षक अनुपस्थित पाये गए। नजारत अनुभाग में गोपाल शरण, अंकुल चौधरी, उषा देवी, सन्तोष देवी, मोहित कुमार, अजीत कुमार, बबीता एवं देवेन्द्र कुमार चतुर्थ श्रेणी अनुपस्थित पाये गये। राजस्व निरीक्षक कक्ष का निरीक्षण करने पर मौके पर मात्र दो राजस्व निरीक्षक नागेन्द्र सिंह एवं निर्देश कुमार उपस्थित पाये गये। वहीं शेष सभी राजस्व निरीक्षक अनुपस्थित पाये गये।
(Udaipur Kiran) / नरेन्द्र / शरद चंद्र बाजपेयी / Siyaram Pandey