Jammu & Kashmir

बदहाल में संदिग्ध बीमारी से दो की मौत 4 की हालत गंभीर

जम्मू, 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजौरी के बदहाल गांव में एक बेहद चिंताजनक घटना में एक परिवार के छह सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए जिससे दो बच्चों की दुखद मौत हो गई जबकि चार अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रभावित परिवार के सदस्यों को पहले इलाज के लिए सीएचसी कंडी ले जाया गया लेकिन बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें जीएमसी राजौरी रेफर कर दिया गया। उनमें से चार बच्चों को बाद में उन्नत देखभाल के लिए एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में स्थानांतरित कर दिया गया।

एसएमजीएस अस्पताल में स्थानांतरित किए गए बच्चों में जहूर अहमद (14 वर्ष), नवीना कौसर (8 वर्ष, मृत), यास्मीन अख्तर (15 वर्ष) और मोहम्मद मारूफ (10 वर्ष) शामिल हैं। दो अन्य बच्चे, सफीना कौसर (6 वर्ष) और जबीना कौसर (10 वर्ष) अभी भी जीएमसी राजौरी में उपचाराधीन हैं।

एसएमजीएस अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष के अनुसार, तमाम प्रयासों के बावजूद नवीना कौसर और जहूर अहमद की एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में दुखद मौत हो गई जबकि अन्य की हालत स्थिर बताई गई है। इस घटना ने नवंबर 2024 में इसी तरह की त्रासदी के साथ परेशान करने वाली समानताएं खींची हैं जब इसी गांव में एक ही परिवार के नौ सदस्यों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जांच के बावजूद पिछली मौतों का सही कारण पता नहीं चल पाया है। स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए गुस्सा और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने प्रभावित व्यक्तियों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थानांतरित करने में देरी और संकट बढ़ने से पहले स्वास्थ्य निगरानी टीमों की विफलता की आलोचना की। समुदाय का दृढ़ विश्वास है कि अधिक सक्रिय दृष्टिकोण नवीना कौसर और जहूर अहमद की जान बचा सकता था और वर्तमान स्वास्थ्य आपातकाल को रोका जा सकता था। स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली की अक्षमता ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और स्थानीय लोगों ने संबंधित अधिकारियों, विशेष रूप से सीएमओ राजौरी और स्वास्थ्य विभाग से जवाबदेही की मांग की है।

डीआईजी राजौरी-पुंछ रेंज तेजिंदर सिंह, डिप्टी कमिश्नर राजौरी अभिषेक शर्मा और एसएसपी राजौरी गौरव सिकरवार सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेने और निवासियों को पूरी जांच का आश्वासन देने के लिए बधाल गांव का दौरा किया है। यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि बधाल जैसे दूरदराज के इलाकों में मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और सक्रिय निगरानी की तत्काल आवश्यकता है ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके और कमजोर समुदायों के लिए समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता

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