भागलपुर, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में प्रसार कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन के बीच फलों की बगीचा में बेहतर उत्पादन को लेकर बामेती पटना द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय सेमीनार बुधवार को संपन्न हो गया।
इस दो दिवसीय सेमिनार-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम मे बिहार के 38 जिलों से कुल 106 प्रसार कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ मिजानुल हक कुलसचिव-सह-निदेशक प्रशासन, डॉ फिजा अहमद निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, डॉ आर. एन. सिंह सह निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ अभय मानकर उप निदेशक प्रशिक्षण, डॉ राजेश कुमार पी.आर.ओ, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के साथ-साथ उद्यान (फल वैज्ञानिक) डॉ. कुमारी करुणा एवं डॉ पवन कुमार आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंच संचालन डॉ पवन कुमार कनीय वैज्ञानिक, उद्यान (फल) द्वारा किया गया। अपने सम्बोधन मे डॉ आर. के. सोहाने ने बदलते जलवायु में फल उत्पादन के महत्व एवं बागों का प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि किसान भाई अधिक से अधिक फल वृक्षों का रोपण करें। इससे आपकी आमदनी भी बढ़ेगी एवं फल वृक्षों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम पड़ेगा। डॉ फिजा अहमद ने विभिन्न फलों के जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में अधिक से अधिक फल वृक्षों के रोपन एवं नए बगीचों को लगाने हेतु उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को आवाहन किया।
डॉ मिजानुल हक ने भी किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। डॉ आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा ने अपने सम्बोधन में उपस्थित किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समय की मांग के अनुरूप इस सेमिनार का आयोजन जो जलवायु परिवर्तन के अनुरूप फल वृक्षों से अधिक लाभ पा सकते हैं। चूंकि इसमें सहनशीलता खाद्यान्न फसलों की तुलना मे काफी अधिक होता है। अतः इस तरह के फल वृक्षों को लगाकर अधिक ये प्राप्त की जा सकती है। इसके पूर्व उपस्थित किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं ने इस सेमीनार से संबंधित प्रतिक्रिया एवं अनुभव को साझा किया। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं वैज्ञानिकों द्वारा सामूहिक रूप से वितररित किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभय मानकर उप निदेशक प्रशिक्षण द्वारा किया गया।
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर