– ईपीसी अनुबंधों के निष्पादन से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान पर भी होगा विचार-विमर्श
– भारतीय सड़क कांग्रेस और लोक निर्माण विभाग के सहयोग से शिविर का आयोजन
– रवीन्द्र भवन भोपाल में होगा सेमिनार का आयोजन
भोपाल, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन रवीन्द्र भवन भोपाल में 19 और 20 अक्टूबर को किया जा रहा है। इसमें सड़क और पुल निर्माण की नवीनतम तकनीकों, सामग्रियों और अनुबंध निष्पादन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञ अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) और मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सहयोग से होगा।
जनसंपर्क अधिकारी अरूण शर्मा ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि सेमिनार के पहले दिन 19 अक्टूबर को उद्घाटन-सत्र में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, लोकनिर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न तकनीकी-सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देशभर से आए हुए विशेषज्ञ नई तकनीकों, निर्माण सामग्रियों और ईपीसी (ईपीसी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) अनुबंध निष्पादन की चुनौतियों पर अपने विचार साझा करेंगे।
पहले दिन की प्रमुख चर्चाओं में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नई तकनीकों का कार्यान्वयन, पुल निर्माण में नई मशीनरी का उपयोग, और सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली नई सामग्रियों पर फोकस रहेगा। सड़क सुरक्षा, परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए आईटी तकनीकों का उपयोग, और सीमांत सामग्रियों के उपयोग पर भी गहन मंथन किया जाएगा।
दूसरे दिन 20 अक्टूबर को ईपीसी (ईपीसी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) अनुबंधों की संरचना शेड्यूलिंग, अनुबंध निष्पादन में ठेकेदारों की भूमिका और सहायक अभियंताओं की भूमिका पर विस्तृत चर्चा होगी। इसमें अनुबंधों से जुड़े विवादों और चुनौतियों के समाधान पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। समापन सत्र में विभिन्न विशेषज्ञ और प्रतिनिधि पैनल चर्चा के माध्यम से सड़क और पुल निर्माण में नई तकनीकों के उपयोग पर अपने विचार रखेंगे।
सेमिनार का उद्देश्य प्रदेश में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को सुधारने और नवीनतम तकनीकों के माध्यम से समयबद्ध और टिकाऊ अवसंरचना का विकास सुनिश्चित करना है। सरकारी और निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर अनुभवों और नवाचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा, जिससे प्रदेश की अवसंरचना परियोजनाओं को नई दिशा और मजबूती मिल सके।
इस दो दिवसीय आयोजन से मध्यप्रदेश के अवसंरचना विकास को नई ऊर्जा मिलेगी और यह आयोजन राज्य की निर्माण परियोजनाओं में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने में सहायक साबित होगा।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत