भागलपुर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । गंगा मुक्ति आंदोलन का दो दिवसीय संवाद का कार्यक्रम शनिवार को भागलपुर के एक होटल में प्रारंभ हुआ। बिहार, बंगाल, झारखंड, दिल्ली से वरिष्ठ समाजकर्मियों, बुद्धिजीवियों की बैठक में गंगा, कोसी, सोन गंडक आदि नदी क्षेत्रों की समस्याओं और उन संदर्भों पर उपज रहे जनांदोलनों की व्यापक चर्चा हुई। उदय ने संवाद कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
डॉक्टर लोहिया के ‘अर्थशास्त्र मार्क्स के आगे का उल्लेख करते हुए अनिल प्रकाश ने कहा कि आज उत्पादन के साधन ओर प्रक्रिया पर कब्जे से ज्यादा महत्वपूर्ण नीतियों पर विचार करने की जरूरत है। प्रो.योगेंद्र ने कहा युवाओं के लिए फ्रस्टेशन की ओर हमारी व्यवस्था लगातार बढ़ रही है। जिसका परिणाम आत्महत्या, हिंसा, बलात्कार, आर्थिक भ्रष्टाचार जैसी प्रवृतियां हैं। कोसी क्षेत्र में बाढ़, कटाव, विस्थापन, तटबंध और पीड़ितों की स्थिति और हो रही राजनीति, भ्रष्टाचार पर महेंद्र यादव, उमेश सहनी, संतोष मुखिया आदि ने विस्तार से चर्चा की।
गंगा, कोशी और सहायक छोटी नदियों को बिहार के विकास की आधारभूत संरचना मानते हुए बिहार की समस्याओं पर संवेदनशील सोच विचार और समझ युवा पीढ़ी में पैदा करना आवश्यक है। इस परिचर्चा में देवज्योति मुखर्जी, मो.जाहिद, सार्थक भारत, मनोज मीता, हरिकृष्ण सोए, र रामकिशोर, ललन, बागेश्वर बागी, गौतम कुमार, अर्जुन शर्मा, वासुदेव महतो आदि वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किया। गंगा मुक्ति संवाद का कार्यक्रम कल भी जारी रहेगी।
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर