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सोनभद्र, 18 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । ढाई वर्ष पूर्व हुए जहरखुरानी के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने दोष सिद्ध पाकर दोषी राजन केशरी व पिंटू उर्फ राकेश शाह को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। उन पर पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की धनराशि का 75 प्रतिशत पीड़ित को मिलेगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, शुभांशु ने चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि वह बर्जर पेंट्स में डीएसओ पद पर कार्यरत है। कार्य के दौरान सुकृत से 26 अगस्त 2022 को अग्रहरि पेंट्स रेणुकूट जा रहा था। सुकृत में सुबह 10:45 बजे एक सफेद रंग की बोलेरो मिली, जिसपर ड्राइवर समेत दो लोग बैठे थे। उन लोगों ने पूछा कि कहां जाना है तो रेणुकूट जाना बताया। इस पर गाड़ी में बैठा लिया। टोल प्लाजा चुर्क पर एक व्यक्ति शौचालय चला गया। इस दाैरान दूसरे युवक ने उसे बिस्कुट खिलाया और खुद भी खाया। उसी समय अपने भाई शुभम को वाट्सएप भी किया था। उसके बाद वह अचेत हो गया। दोपहर बाद 1:06 बजे उसके मोबाइल से भाई के नम्बर पर काल गयी। उसी सूचना पर परिवार वाले तेलगुड़वा से पांच किमी दूर बिहार जाने वाले रास्ते पर अचेतावस्था में उसे पाया। परिवार वाले उसे राबर्ट्सगंज के कीर्ति पाली क्लीनिक पर लाकर भर्ती कराया। उसी जगह से 112 नम्बर डायल कर सूचित किया गया। सायंकाल उसे हल्का होश आने पर उसे ज्ञात हुआ कि सोने की अंगूठी, लाकेट, डेविड कार्ड, क्रेडिट कार्ड, जूता मोजा, बॉटल, पांच हजार रुपये नकद, मोबाइल आदि सामान गायब है। परिवार वालों ने उक्त कार्ड को बंद कराने की सूचना के बाद पता चला कि रेणुकूट में एटीएम से 32 हजार रुपये खाते से निकाल लिया गया था। इस तहरीर पर 29 अगस्त 2022 को पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने मामले की विवेचना किया।
पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में बिहार निवासी राजन केशरी और पिंटू उर्फ राकेश शाह के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, सात गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोष सिद्ध पाकर दोषियों काे सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।
(Udaipur Kiran) / पीयूष त्रिपाठी
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