भोपाल, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 18 सितंबर का दिन खास होने जा रहा है। इस दिन चंद्रमा से जुड़ी दो खगोलीय घटनाएं दिखने जा रही हैं। सुबह 6 बजकर 11 मिनिट पर पश्चिम में अस्त होता हुआ चंद्रमा कुछ मिनट के लिए उपछाया ग्रहण के साए में रहेगा तो वहीं शाम को पूर्व में उदित होकर यह सुपरमून के रूप में ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने सोमवार को इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को देश एवं मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में सुबह जब चंद्रमा पश्चिम में अस्त होने वाला होगा, तब वह कुछ मिनट के लिए वह उपछाया ग्रहण के साये में रहेगा। चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी के आ जाने से चंद्रमा इस समय पृथ्वी की उपछाया वाले भाग में होगा, जिससे उसकी चमक में मामूली कमी आएगी। खाली आंखों से देखने पर तो इसे महसूस नहीं किया जा सकता लेकिन टेलिस्कोप से इसे देखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के उज्जैन, देवास, इंदौर, रतलाम, धार, बड़वानी, झाबुआ, खरगौन, नीमच आदि जिलों में कुछ मिनट तक उपछाया चंद्रग्रहण की यह खगोलीय घटना होगी। प्रदेश के बाकी भागों में सुबह सूर्य उदित हो जाने और चंद्रमा के अस्त हो जाने से इसे नहीं देखा जा सकेगा।
सारिका ने बताया कि शाम को पूर्व में जब चंद्रमा उदित होगा, तब पृथ्वी से इसकी दूरी कम होकर मात्र तीन लाख 57 हजार 286 किलोमीटर रह जाएगी। पृथ्वी के पास आ जाने के कारण चंद्रमा अपेक्षाकृत बड़ा और अधिक चमकीला दिखेगा और सुपरमून कहलाएगा। खगोल विज्ञान में इसे कार्नमून तथा हार्वेस्ट मून भी नाम दिया गया है। इसे पूरे देश में देखा जा सकेगा।
(Udaipur Kiran) तोमर