नई दिल्ली, 09 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नॉदर्न रेंज की टीम ने ओडिशा से दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में गांजे की अवैध तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों की पहचान साहब सिंह (29) और प्रदीप कुमार (29) के रूप में हुई है। दोनों तस्कर हरियाणा के सोनीपत जिले के घासौली गांव के रहने वाले हैं। इनके पास से 120 किलोग्राम (गांजा) बरामद किया गया, जिसको ट्रक में बनी गुप्त कैविटी में छिपाकर रखा गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस गांजे की कीमत 40 लाख रुपये आंकी गई है।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी सतीश कुमार के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की एनआर-I टीम के एसआई योगेश कुमार को दिल्ली/एनसीआर के इलाकों में गांजे की आपूर्ति के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। इस जानकारी को लोकल सोर्स और टेक्नीकल जांच पड़ताल के जरिए से और विकसित किया गया, जिसमें एक ट्रक में गांजे को छिपाकर ओडिशा से दिल्ली लाया जा रहा है। इसके बाद संदिग्ध फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया था। इसके बाद एसीपी विवेक त्यागी की निगरानी में इंस्पेक्टर संजय कौशिक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. फिर स्मृति पार्क, सेक्टर ए-1, नरेला के पास ट्रैप लगाया गया।
इनपुट के आधार पर पुलिस टीम ने संदिग्ध ट्रक को रोका और 2 लोगों को पकड़ लिया गया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपनी पहचान साहब सिंह और प्रदीप कुमार के रूप बताई। ट्रक की बारीकी से तलाशी ली गई तो, कुल 6 प्लास्टिक बैग मिले, जिसमें 120 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। इसके बाद दोनों आरोपितों के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाने में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20/25/29 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। ड्रग पेडलर अपने कॉन्टेक्ट के लोगों को मादक पदार्थ की सप्लाई करने को नरेला आए थे। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।
आरोपित साहब सिंह के बारे में सामने आया कि वह 10वीं कक्षा तक पढ़ा है और गांजे का मुख्य सप्लायर है। आसानी से पैसा कमाने के लिए तस्करी में शामिल हो गया था। उसने गांजा छुपाने के लिए ट्रक खरीदकर एक गुप्त कैविटी बनाई थी, जिसमें गांजे को आसानी से छुपाया जा सके। वह हरियाणा में एनडीपीएस एक्ट के तहत मादक पदार्थ की सप्लाई के लिए एक मामले में पहले से वांटेड है।
वहीं उसका साथी प्रदीप उसी के गांव का रहने वाला है। कुख्यात ड्रग्स तस्कर ओडिशा के जंगलों से गांजा एकत्र करने का काम करते थे और दिल्ली/एनसीआर में डीलरों को होम डिलीवरी सर्विस की तरह उनके दरवाजे पर गांजा उपलब्ध कराते थे। दूसरा आरोपित प्रदीप कुमार भी 10वीं तक पढ़ा है और वह पानीपत में जूता बनाने वाली कंपनी में काम करता था। साहब सिंह के संपर्क में आने के बाद उसने भी मिलकर गांजा सप्लाई का गोरखधंधा शुरू कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी