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शिमला, 18 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । शिमला जिला के ठियोग उपमंडल की शड़ी मतियाना पंचायत में सड़क निर्माण के लिए आए सरकारी फंड में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत प्रधान अमीं चंद पर ढाई लाख रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगा है। इस पर उन्हें प्रधान पद से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 2,55,125 रुपये की रिकवरी के आदेश भी जारी किए गए हैं।
जिला पंचायत अधिकारी शिमला ने इस कार्रवाई को पंचायती राज अधिनियम के तहत अंजाम दिया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब सड़क निर्माण कार्य की जांच कनिष्ठ अभियंता द्वारा की गई। जांच में सामने आया कि मझोगड़ा नाला से मझोगड़ा मोहाल तक संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए 7,65,000 रुपये की मांग की गई थी और इसमें से 5 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। इस सड़क निर्माण में कटिंग, सोलिंग और डंगों का निर्माण होना था। लेकिन मूल्यांकन रिपोर्ट में खर्च की गई राशि और काम की गुणवत्ता में भारी अंतर पाया गया।
मूल्यांकन रिपोर्ट में अनियमितताएं
जांच रिपोर्ट के अनुसार सड़क की कटाई पर 88,440 रुपये और सोलिंग पर 77,934 रुपये खर्च होने चाहिए थे, लेकिन खर्च का आंकड़ा इससे कहीं अधिक दिखाया गया। हैरत की बात यह है कि इस काम के लिए मस्टररोल जारी नहीं किया गया और अदायगी जेसीबी मशीन के नाम पर दिखाई गई। पंचायत रिकॉर्ड और मूल्यांकन रिपोर्ट के बीच करीब ढाई लाख रुपये का अंतर मिलने पर प्रधान से स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन समय सीमा खत्म होने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
गड़बड़ी की शिकायत पर हुई जांच
मामले की शिकायत स्थानीय लोगों ने खंड विकास अधिकारी ठियोग से की थी। इसके बाद जांच शुरू की गई। अनियमितताओं की पुष्टि होने पर जिला पंचायत अधिकारी ने प्रधान अमीं चंद को निलंबित कर दिया और रिकवरी के आदेश जारी किए। इसके अलावा पंचायत से जुड़े सभी रिकॉर्ड और सामान को पंचायत सचिव के हवाले करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
प्रधान ने नहीं दिया कोई बयान
जब इस संबंध में प्रधान अमीं चंद से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वहीं खंड विकास अधिकारी जगदीप सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि पंचायत में सरकारी फंड के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित प्रधान को उचित समय देकर जवाब मांगा गया था लेकिन जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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