येरुशलम/जेनिन, 21 मई (Udaipur Kiran) । विवादित पश्चिम तट के जेनिन शहर में बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के पास इजराइली सैनिकों द्वारा फायरिंग की घटना से वैश्विक कूटनीतिक गलियारों में आक्रोश फैल गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में यूरोपीय संघ, तुर्की, आयरलैंड, स्पेन और फ्रांस के अधिकारी शामिल थे। हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन राजनयिकों की सुरक्षा पर उठे सवालों के बीच तुर्की, फ्रांस, स्पेन और आयरलैंड ने इस कार्रवाई को अस्वीकार्य करार देते हुए कड़ी निंदा की है।
तुर्की विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि येरुशलम स्थित उनके वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का घोर उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह घटना इजराइली सेना के बेलगाम व्यवहार को दर्शाती है। उन्होंने इस कृत्य को कूटनीतिक जीवन के लिए खतरा बताया और इजराइल से जवाबदेही तय करने की मांग की।
आयरलैंड के उपप्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने घटना पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए कहा, “मैं इस घटना से स्तब्ध हूं। हमारे प्रतिनिधियों की सुरक्षा से समझौता न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक परंपराओं का अपमान भी है। इस घटना की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।”
फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-नोएल बारो ने कहा कि वे इस घटना को लेकर इजराइली राजदूत को तलब करेंगे। उन्होंने इसे “अस्वीकार्य घटना” करार दिया।
यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख काया कैलास ने कहा कि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने इजराइल से पूर्ण जांच और जवाबदेही की मांग की।
वहीं, स्पेन के विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे राजनयिक संरक्षण के अधिकारों का उल्लंघन बताया। उसने कहा कि “हम अन्य प्रभावित देशों के साथ मिलकर समन्वित प्रतिक्रिया देंगे।”
इजराइली सेना ने दी सफाई
इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने बयान जारी कर कहा कि प्रतिनिधिमंडल निर्धारित मार्ग से भटक गया था और अधिकारिक रूप से निषिद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। सेना के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल को हटाने के लिए चेतावनी स्वरूप हवाई फायरिंग की गई और कोई क्षति नहीं हुई।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
