
काठमांडू, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल में धर्मनिरपेक्षता लागू करने के नाम पर अमेरिकी संस्था की ओर से 500 मिलियन खर्च करने को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी जनता के साथ धोखाधड़ी बताया है। ट्रंप ने सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों में यूएसएआईडी के जरिए खर्च की गई रकम का जिक्र करते हुए इन सभी अनुदानों को अपने कार्यकाल के पहले दिन ही रोकने की जानकारी दी।
व्हाइट हाउस में बुधवार को पत्रकार सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी संस्था यूएसएआईडी की ओर से अलग-अलग समय में विभिन्न देशों को दी गई आर्थिक सहायता की सूची पढ़ते हुए नेपाल को मिली कई आर्थिक सहायता का भी जिक्र किया। उन्होंने नेपाल में नास्तिकता के नाम पर 500 मिलियन डॉलर खर्च किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ‘दिस इज फ्रॉड’ यानी यह धोखाधड़ी है। इतना ही नहीं, उन्होंने नेपाल में संघीयता के नाम पर अमेरिकी सरकार की तरफ से खर्च किए गए 19 मिलियन डॉलर, जैविक विविधता के नाम पर खर्च किए गए 20 मिलियन डॉलर, समावेशी के नाम पर खर्च किए गए 22 मिलियन डॉलर, वैचारिक स्वतंत्रता के नाम पर खर्च किए गए 2.3 मिलियन डॉलर, नागरिक समाज खड़ा करने के लिए खर्च किए गए 32 मिलियन डॉलर और लैंगिक समानता तथा महिला सशक्तिकरण के लिए खर्च किए गए 40 मिलियन डॉलर को अमेरिकी जनता के टैक्स के पैसे का चरम दुरुपयोग बताया है।
पत्रकार सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों में भी यूएसएआईडी के जरिए खर्च की गई रकम का जिक्र करते हुए इन सभी अनुदानों को अपने कार्यकाल के पहले दिन ही रोकने की जानकारी दी। उन्होंने बांग्लादेश को दिए गए 29 मिलियन डॉलर, भारत में मतदाता बढ़ाने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन डॉलर सहयोग देने पर भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भारत के मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए अमेरिका क्यों अपना पैसा खर्च करेगा, जबकि भारत के पास खुद ही बहुत पैसा है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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