![नि:स्वार्थभाव से की गयी सेवा ही सच्ची सेवा है :जगद्गुरु बलरामदास देवाचार्य नि:स्वार्थभाव से की गयी सेवा ही सच्ची सेवा है :जगद्गुरु बलरामदास देवाचार्य](https://hs.sangraha.net/NBImages/3000/2025//01//25/3d3087a1c3cb0ed864e9074e6f2999e0_373379170.jpg)
अयोध्या, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । निस्वार्थभाव से सेवा करना ही सच्ची सेवा है। बिना हनुमत कृपा के कोई कार्य सिद्ध नहीं होता है।
उक्त विचार वृन्दावन के जगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बलरामदास देवाचार्य ने श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सालय अयोध्या में आयोजित वृहद ज्योति महायज्ञ नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा सेवा शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए शनिवार को व्यक्त किया।
उन्होंने करुणानिधान सेवा ट्रस्ट कोलकाता श्री मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट व कल्याणम् करोति संस्था लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिविर मेंं शामिल हुए नेत्र रोगियों व उनके साथ आये परिवार के लोगों से कहा कि आप सभी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर इस नेक सेवा कार्य का प्रचार करें व अन्य नेत्र रोगियों को यहां भेजें जिससे उनको भी नेत्रों के इलाज व मोतियाविन्द आपरेशन की सेवा दी जा सके । उन्होंने कल्याणम् करोति संस्था व करुणानिधान सेवा ट्रस्ट कोलकाता से जुड़े लोगों की भूरि-भूरि सराहना की।
समापन समारोह में आये अतिथियों का स्वागतकल्याणम् करोतिसंस्था के उमादत्त मिश्र ने अपने स्वागत भाषण से किया। श्री दीनबन्धु नेत्र चिकित्सालय के प्रबन्धक डी0एन0 मिश्रा ने नेत्र चिकित्सालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 01जनवरी 2025 से24 जनवरी 2025 तक करुनानिधान सेवा ट्रस्ट कोलकाता के आर्थिक सहयोग से आयोजित नेत्र चिकित्सा शिविर में कुल 4296 नेत्र रोगियों का पंजीकरण हुआ जिसमें1507 नेत्र रोगियों के मोतियाबिन्द के आपरेशन किये गये जबकि 2789 नेत्र रोगियों को रिफ्रक्शन एवं अन्य नेत्र उपचार से लाभान्वित किया गया। चिकित्सालय में स्थापना काल से अब तक 231377 नेत्र रोगियों के मोतियाविन्द के आपरेशन किये गये हैं जिनमें 153129 आपरेशन पूर्णतः नि:शुल्क हुए हैं जबकि 80826 आपरेशन आंशिक सहयोग लेकर व 949 आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए हैं।
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय
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