शिमला, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिवाली के बाद दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों में वायु प्रदूषण का बढ़ा स्तर लोगों के लिए आफत बना हुआ है। बाहरी राज्यों से सैलानी खुली हवा में सांस लेने के लिए हिमाचल के हिल्स स्टेशनों के रुख कर रहे हैं। इस वीक एंड पर राज्य के प्रमुख हिल्स स्टेशनों शिमला, मनाली, कुल्लू, कसौली, डल्हौजी और धर्मशाला में पर्यटकों का तांता लगा है। जनजातीय जिलों किन्नौर औऱ लाहौल-स्पीति का भी सैलानी रूख कर रहे हैं।
इन पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस समय कुल्लू, मनाली और शिमला के होटलों में करीब 60 फीसदी होटल सैलानियों से भरे हुए हैं। जबकि दिवाली से पहले होटलों की ऑक्यूपेंसी 20 फीसदी थी। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान और मॉल रोड़ पर शनिवार से भारी संख्या में सैलानी चहल-कदमी कर रहे हैं। शिमला से सटे पर्यटन स्थलों कुफ़री और नारकंडा में भी सैलानी पहुंच रहे हैं।
दिल्ली से शिमला पहुंचे एक परिवार ने बताया कि दिल्ली सहित मैदानी राज्यों में पटाखों और गाड़ियों के प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल होता जा रहा था। ऐसे में खुली हवा में सांस के लिए वे शिमला आये हैं और यहां कुछ दिन बिताएंगे।
फैडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान गजेंद्र ठाकुर ने बताया कि मैदानी राज्यों में बढ़े प्रदूषण से राहत पाने के लिए सैलानी हिमाचल के पर्यटन स्थलों में पहुंच रहे हैं। इस वीक एंड पर सैलानियों के आने से होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़ी है। नवम्बर के पूरे महीने सैलानियों की भीड़ बने रहने की उम्मीद है।
शिमला में दाखिल हुए सात हजार वाहन
शिमला पुलिस के मुताबिक शनिवार दोपहर 12 बजे से रात्रि 12 बजे तक लगभग सात हजार वाहनों ने शिमला शहर में प्रवेश किया। इनमें अधिकतर संख्या बाहरी राज्यों के वाहनों की रही।
शिमला की आबोहवा साफ, दिवाली के बाद 66 रहा एक्यूआई
हिमाचल प्रदेश के हिल्स स्टेशनों में दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर में सुधार हुआ है। शिमला की बात करें तो यहां की आबोहवा अन्य शहरों से साफ है। शिमला की तुलना में मनाली और धर्मशाला में ज्यादा प्रदूषण रहा। शिमला का वायु गुणवत्ता सूचकांक जहां 66 रहा, वहीं मनाली में 80 और धर्मशाला में 109 पहुंच गया। अच्छी बात यह है कि शिमला में पिछले साल से कम प्रदूषण दर्ज किया गया। शिमला के वायु गुणवत्ता सूचकांक में काफी सुधार आया है। पिछले साल दिवाली के बाद शिमला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 था, जो इस साल घटकर 66 रहा गया। जबकि मनाली में पिछले साल वायु सूचकांक 55 था, जो इस बार 80 पहुंच गया। हालांकि यह संतोषजनक श्रेणी में है।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा