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कौशांबी, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंझनपुर रेंज के वन दारोगा ने डीएफ़ओ पर गाली-गलौच व उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़ित दारोगा ने कर्मचारी संग को पत्र भेज कर अफसर द्वारा उत्पीड़न करने की बात कही है। पीड़ित ने उत्पीड़न से तंग आकार आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने की बात कह रहा है। प्रकरण में डीएफ़ओ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपना पक्ष रखने से साफ इंकार कर दिया है।
दरअसल, 20 जुलाई को वन प्रभाग क्षेत्र कौशांबी का मंझनपुर स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम मे वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा किया जाना था। जिसमें वन प्रभाग के अधिकारी कर्मचारियों के ड्यूटी बड़े पैमाने पर डीएफ़ओ राम सिंह यादव ने लगाई थी। स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान वृक्षारोपण के दौरान डिप्टी सीएम केशव मौर्य सहित अधिकारी व नेताओं सहित 27 लाख पौध रोपण किया जाना था। जिसमें डीएफ़ओ ने 2000 पौध को भगवा कपड़े में लपेट कर डिप्टी सीएम सहित नेताओं एवं अधिकारियों के सामने लाने का निर्देश वन दारोगा सुलवन्त प्रसाद मिश्रा पर सौंपा था।
वन दारोगा सुलवन्त मिश्रा ने बताया, वह अपने ड्यूटी स्थल पर पौध को भगवा पकड़े में लपेट कर देने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच डीएफ़ओ राम सिंह यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने पौध वितरण के बारे में जानकारी ली। जिसमें मौके पर 1500 पौध भगवा कपड़े में लपेट कर तैयार हालत में रखी गई थी। 500 पौध के लिए कपड़ा कम पड़ने के चलते एक व्यक्ति को कपड़ा लेने के लिए भेजा गया था। जिसकी जानकारी डीएफ़ओ को दी गई, लेकिन उन्होंने उनको लापरवाह बताते हुए गाली गलौच शुरू कर दिया। जिस घटना से पीड़ित दारोगा कर्मचारियों के बीच खुद को अपमानित महसूस करते हुए खड़ा रहा। अफसर के जाने पर वह मौके से लज्जित होकर अपने घर चला गया।
पीड़ित दारोगा सुलवन्त मिश्रा ने घटना के संबंध में अपने विभागीय अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के जरिये जानकारी दी। हैरानी की बात यह रही कि पीड़ित दारोगा की शिकायत के बाद भी विभाग के बड़े अधिकारियों ने घटना के संबंध में न तो डीएफ़ओ से कोई सवाल जवाब किया और न ही पीड़ित दारोगा के प्रकरण में जांच शुरू की।
अफसरशाही से आहात वन दारोगा सुलवन्त मिश्रा ने वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रदेश सरकार को पत्र भेज कर अपनी व्यथा बताई है। पीड़ित ने शिकायत पत्र में खुद को आहात व लज्जित बताकर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने की धमकी दी है। पीड़ित दारोगा के समर्थन में उप्र सहायक वन कर्मचारी संघ के महामंत्री ने पत्र लिख कर प्रधान मुख्य वन रक्षक लखनऊ से इस मामले में प्रभारी वन अधिकारी राम सिंह यादव पर कड़ी कार्यवाही करने का आग्रह किया है। महामंत्री अमित कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, यदि स्वेछाचारी अफसर पर कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो फील्ड कर्मियों का मनोबल खत्म हो जाएगा। वह पूरी निष्ठा से राजकीय कार्य में दायित्व का निर्वहन नहीं कर सकेंगे।
डीएफ़ओ राम सिंह यादव के मुताबिक, उनको व दारोगा सुलवन्त मिश्रा के प्रकरण में किसी व्यक्ति से कोई बात नहीं करना है। इस संबंध में जो बात करनी हो बड़े अधिकारी से करें।
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश
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