West Bengal

सिताई विधानसभा सीट पर मजबूत है तृणमूल, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

तृणमूल-कांग्रेस और भाजपा

कोलकाता, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की सिताई विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। यह सीट 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने जीती थी और इस साल लोकसभा चुनाव में कूचबिहार सीट भी अपने नाम की थी।

तृणमूल के वर्तमान विधायक जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया के कूचबिहार लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद, सिताई में उपचुनाव हो रहा है। पार्टी ने इस सीट से बसुनिया की पत्नी, संगीता रॉय को उम्मीदवार बनाया है, जो अपने पति की लोकप्रियता और पार्टी के मजबूत संगठन के बल पर जीत की उम्मीद कर रही हैं।

उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दीपक कुमार रॉय हैं, जो स्थानीय नेता हैं। कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन के न बनने के कारण इस बार वामपंथी दलों में शामिल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। फॉरवर्ड ब्लॉक की ओर से अरुण कुमार बर्मा और कांग्रेस से हरिहर रॉय सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष के वोटों के तीन हिस्सों में बंटने से तृणमूल कांग्रेस को फायदा हो सकता है। हालांकि, राज्य सरकार और तृणमूल के खिलाफ कुछ जनाक्रोश भी है, जो आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के कारण उभरा है।

तृणमूल कांग्रेस के लिए सिताई सीट पर रिकॉर्ड बहुत प्रभावशाली नहीं रहा है। 2021 में बसुनिया तृणमूल के पहले उम्मीदवार थे, जिन्होंने यहां से 10 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस सीट पर 1967 से 1977 तक कांग्रेस का दबदबा रहा, जब मोहम्मद फजल हक ने चार बार जीत हासिल की थी।

1977 में वाम मोर्चे की सरकार बनने के बाद से 2006 तक इस सीट पर फॉरवर्ड ब्लॉक का कब्जा रहा। 2006, 2011 और 2016 में कांग्रेस ने लगातार तीन बार इस सीट से जीत दर्ज की। 2021 में तृणमूल ने पहली बार यहां जीत हासिल की। सिताई सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और यहां के करीब तीन लाख मतदाता मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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