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कोलकाता, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस इस माह से राज्यभर में मतदाता सूची की गहन समीक्षा और सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया 15 अप्रैल, यानी बंगाली नववर्ष के बाद शुरू होगी और अगले वर्ष अप्रैल तक चलेगी।
इस महत्त्वपूर्ण अभियान को इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आईपैक) के साथ मिलकर अंजाम दिया जाएगा। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे। इस कार्य के लिए प्रशिक्षण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशालाएं संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा संचालित की जा रही हैं।
सत्यापन के दौरान जुटाए गए आंकड़े एक केंद्रीय डाटाबेस में अपलोड किए जाएंगे, जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व किसी भी समय एक्सेस कर सकेंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए चार स्तरों पर समीक्षा टीमें गठित की हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत-स्तरीय और ब्लॉक-स्तरीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में वार्ड-स्तरीय और नगर-स्तरीय पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे।
इस साल फरवरी में कोलकाता में आयोजित एक संगठनात्मक बैठक में पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अभियान के निर्देश दिए थे। उनका मानना है कि अन्य राज्यों के मतदाताओं के नाम बंगाल की मतदाता सूची में जोड़े जा सकते हैं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
तृणमूल कांग्रेस का यह भी आरोप है कि कई राज्यों के मतदाताओं के ईपिक कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) पर एक ही नंबर दर्ज है। पार्टी ने पिछले माह चुनाव आयोग से मांग की थी कि आधार या पासपोर्ट की तरह ईपिक कार्ड में भी यूनिक आईडी लागू की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की दोहराव की स्थिति से बचा जा सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / संतोष मधुप
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(Udaipur Kiran) / संतोष मधुप
