

नदिया, 27 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दिवंगत विधायक नासिरुद्दीन अहमद की बेटी अलिफा अहमद को उम्मीदवार बनाया है। मंगलवार को पार्टी की ओर से उनके नाम की औपचारिक घोषणा की गई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ढेरों शुभकामनाएं मिलने लगीं। नदिया ज़िले की राजनीति में पहले से ही उनके नाम की चर्चा थी और पार्टी की घोषणा ने इस अनुमान पर मुहर लगा दी।
38 वर्षीय अलिफा पेशे से बीटेक इंजीनियर हैं। उन्होंने कृष्णनगर के एक प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और फिर दुर्गापुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वह एक नामी बहुराष्ट्रीय कंपनी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। बावजूद इसके, उन्होंने राजनीति की राह चुनी —ठीक वैसे ही जैसे सांसद महुआ मोइत्रा ने कॉर्पोरेट जीवन को छोड़कर जनसेवा का रास्ता अपनाया था। कई लोग अलिफा और महुआ की इस समान यात्रा की तुलना भी कर रहे हैं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत पंचायती राज से
अलिफा ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जमीनी स्तर से की। साल 2018 के पंचायत चुनाव में वह नदिया जिला परिषद की सदस्य चुनी गईं। हालांकि 2023 में उन्होंने पंचायत चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन अब 2025 के विधानसभा उपचुनाव में वह सीधे विधायक पद की दावेदार बनी हैं।
अलिफा के पिता, नासिरुद्दीन अहमद, कालीगंज से तृणमूल के लोकप्रिय विधायक थे। उनकी असमय मृत्यु के बाद पार्टी ने भरोसे के तौर पर अलिफा को मैदान में उतारा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जनता से उनका जुड़ाव पहले से है, क्योंकि वह अपने पिता के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं। खुद अलिफा भी मानती हैं कि उन्हें अपने काम और जिम्मेदारियों का पूरा अहसास है, और इसी आत्मविश्वास के साथ वह चुनावी मैदान में उतर रही हैं।
पार्टी के भीतर और बाहर दोनों ही ओर से यह माना जा रहा है कि अलिफा की शैक्षणिक पृष्ठभूमि, कार्य अनुभव और जनता से जुड़ाव उन्हें इस उपचुनाव में मजबूत उम्मीदवार बनाता है। उनके करीबियों का मानना है कि कॉर्पोरेट जीवन से राजनीति की ओर उनका यह कदम एक बड़ी छलांग है —लेकिन यह सिर्फ समय की बात है कि वह आम लोगों के बीच अपनी जगह बना लें।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
