HimachalPradesh

जन विरोधी फैसलों की मार झेल रही हिमाचल की जनता : त्रिलोक कपूर

प्रदेश भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर

शिमला, 07 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जिनका कोई तर्क नहीं है और जो जनता की जेब और भावनाओं दोनों पर बोझ बनते जा रहे हैं।

बसों के न्यूनतम किराए को 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने के फैसले को लेकर त्रिलोक कपूर ने कहा कि परिवहन मंत्री का यह तर्क कि 5 रुपये के खुले पैसे नहीं होते पूरी तरह से मज़ाक है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या इस प्रकार की सोच के आधार पर नीतियां बनाई जाएंगी? जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त है, और ऐसे फैसले उसे और अधिक संकट में डाल रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इलाज से पहले केवल पर्ची बनवाने के लिए भी पैसे वसूलने की बात की जा रही है जो पूरी तरह से अनुचित है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस निर्णय का बचाव करना निंदनीय है।

त्रिलोक कपूर ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि शायद अब मंत्री जनता के दर्द को समझने की क्षमता खो चुके हैं और उन्हें स्वयंसेवानिवृत्ति पर विचार करना चाहिए।

भाजपा नेता ने सचिवालय के बाहर दिव्यांगों के चल रहे धरने का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन लोगों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया जा रहा है, वह सरकार का अमानवीय चेहरा उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी प्रशासन द्वारा धक्के दिए जाते हैं, तो कभी पुलिस द्वारा लाठियां बरसाई जाती हैं, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।

शराब नीति पर भी भाजपा नेता ने सरकार को निशाने पर लिया औऱ कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री ने शराब नीति से राजस्व बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हकीकत यह है कि आधे से अधिक शराब ठेके बिक ही नहीं पाए। परिणामस्वरूप अब सरकार को एक-एक ठेका करके पुनः नीलामी की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी है। यह स्थिति सरकार की योजना बनाने की अक्षमता को दर्शाती है।

त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार की लगभग हर योजना विफल हो रही है और अब तो फेल्योर रेट इतना अधिक हो गया है कि उसे संभाल पाना सरकार और उनके सलाहकारों के बस की बात नहीं रही।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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