-क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने का संकल्प
गुप्तकाशी, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । केदारनाथ विधानसभा सीट से आगामी उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पत्रकार त्रिभुवन चौहान ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। चंद्रापुरी में आयोजित जनता द्वारा आयाेजित संवाद सम्मेलन के दौरान उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। चौहान ने कहा कि पिछले छह वर्षों से वह पत्रकारिता के माध्यम से राज्य के विभिन्न गांवों की समस्याओं का समाधान करते आ रहे हैं, लेकिन अब वह केदारनाथ से चुनावी मैदान में उतरकर क्षेत्र की आवाज बनना चाहते हैं।
देवर निवासी चौहान ने कहा कि विधानसभा में मजबूत पहल के बिना किसी भी क्षेत्र का विकास असंभव है, और केदारनाथ क्षेत्र इस उपेक्षा का शिकार हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि केदारनाथ धाम की यात्रा को अन्य स्थानों की ओर मोड़ने की साजिश रची गई है, जिससे स्थानीय व्यापारियों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। यात्रियों की कमी से लोगों के सामने रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।
चौहान ने क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केदार घाटी में उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के अभाव में लोग देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे शहरों की ओर पलायन करने पर मजबूर हैं, जिससे गांव खाली होते जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वह उन्हें आगामी चुनाव में अपना प्रतिनिधि बनाकर विधानसभा भेजें ताकि क्षेत्र के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु दत्त जोशी ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र की जनता कांग्रेस और बीजेपी से ऊब चुकी है। इन पार्टियों के मंत्री और विधायक सत्ता में आकर अपनी जिम्मेदारियों से विमुख हो चुके हैं। ग्राम प्रधान दोला विकास ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के 24 वर्षों के अस्तित्व के बावजूद प्रदेश की स्थिति बद से बदतर हो गई है, और विशेष रूप से केदार घाटी में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी के कारण कई लोगों की जान चली जाती है।
सामाजिक कार्यकर्ता अतुल चौहान ने कहा कि त्रिभुवन चौहान पूरे समर्पण और ऊर्जा के साथ गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनके समाधान के लिए प्रयासरत हैं। उनके इस प्रयास से जनता को अब राजनीतिक पार्टियों से अलग एक नई उम्मीद नजर आ रही है।
सम्मेलन में क्षेत्र के लोगों ने बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि संबंधी समस्याओं के साथ ही बंदरों, सुवरों और लंगूरों के आतंक का भी मुद्दा उठाया। इस मौके पर विजयपाल, आशीष राणा, गणेश, उमा देवी, यशपाल, प्रहलाद, संजय गोस्वामी और भोपाल नेगी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / बिपिन