
रांची, 13 मई (Udaipur Kiran) ।
रांची के आर्यभट्ट सभागार में केन्द्रीय सरना समिति और चडरी सरना समिति के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के पास बने फ्लाईओवर के रैम्प विवाद को लेकर सुनवाई हुई। मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकडा ने रैंप का निरीक्षण किया और कहा कि जब तक मामले में आयोग जांच पूरी नहीं कर लेता है तब तक फ्लाईओवर पर निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।
चार-पांच माह से आदिवासी समाज कर रहा आंदोलन
मौके पर आशा लकड़ा ने सिरमटोली फ्लाईओवर के डीपीआर को गड़बड़ बताया। उन्होंने कहा कि रैम्प हटाने को लेकर पिछले चार-पांच माह से आदिवासी समाज आंदोलन कर रहा है, लेकिन खुद को आदिवासियों की हितैषी कहने वाली राज्य ने मामले पर थोड़ी सी भी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सरना स्थल के पास बने सिरमटोली फ्लाईओवर रैम्प का निर्माण पुलिस प्रशासन के बल पर हुआ है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से इस मामला में संज्ञान लेने से आदिवासी समाज में आशा जगी है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को विश्वास है कि आयोग हमारे धार्मिक स्थल का संरक्षण करेगा।
उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर चार मई को केन्द्रीय सरना समिति ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को मांग पत्र सौंपकर मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी।
मौके पर मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेन्द्र लिंडा, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, कुंदरसी मुंडा, नीरंजना हेरेंज टोप्पो, विद्या सागर केरकेटटा, रवि कुजूर सहित अन्य उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
