
रांची, 19 मई (Udaipur Kiran) । झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन में राज्य के आदिवासी और मूलवासियों की भी भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है। यह बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय की भागीदारी नहीं होने से झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन में एक ही वर्ग का वर्चस्व हो जाएगा।
नायक ने कहा कि वर्तमान में झारखंड क्रिकेट ऐसोसिएशन के प्रशासनिक और नेतृत्वकारी पदों पर इन वर्गों का प्रतिनिधित्व नगण्य है, जबकि झारखंड की जनसंख्या में आदिवासी- मूलवासी समुदायों का बड़ा हिस्सा है। यह असंतुलन न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि राज्य के क्रिकेट विकास में विविध प्रतिभाओं के योगदान को भी सीमित करता है।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
