जयपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । सप्त शक्ति कमांड जयपुर के सौजन्य से स्थापित ज्ञान शक्ति थिंक टैंक (जीएसटीटी) ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता: राजस्थान में अवसर विषय पर साेमवार को जयपुर मिलिट्री स्टेशन में अपना उद्घाटन सेमिनार आयोजित किया।
सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने इस सेमिनार में बताया कि यह क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राजस्थान की पश्चिमी दुश्मनों के साथ सबसे बड़ी सीमा, अच्छी सड़क, रेल और हवाई संपर्क तथा पर्याप्त भूसंपदा के कारण राजस्थान में डिफेन्स इकोसिस्टम के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं। राजस्थान राज्य को रक्षा क्षेत्र और रक्षा निर्यात की मांगों को पूरा करने के लिए एमएसएमई की अपार संभावनाओं की उन्नति करने तथा औद्योगिक क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सेमिनार माननीय मुख्यमंत्री द्वारा राइजिंग राजस्थान में व्यक्त किए गए दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत राज्य को 2029 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
राजस्थान के माननीय उद्योग और वाणिज्य, आईटी और संचार मंत्री, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और फिक्की के सह-अध्यक्ष अंकित मेहता इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अतिथि थे।
डिफेंस पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा के अनुसार जीएसटीटी बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और रक्षा संबंधी चर्चाओं, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि के निर्माण के लिए वेटरन्स को एक समूचा मंच प्रदान करने के लिए सप्त शक्ति कमांड द्वारा शुरू की गई पहल है। वेटरन्स के पास व्यापक अनुभव और कार्यक्षेत्र के अमूल्य निपुणता है और वे सशस्त्र बलों, सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण में परिवर्तन के लिए अथक और निस्वार्थ रूप से योगदान दे रहे हैं। यह मंच सरकार के विकसित भारत @ 2047 के दृष्टिकोण के अनुसार क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए वेटरन्स, विद्वानों, शिक्षाविदों, सरकार और उद्योग के प्रयासों को एकीकृत और समन्वित करेगा।
आज का सेमिनार फिक्की के सहयोग से रक्षा मैन्युफैक्चरिंग आत्मनिर्भरता को गति देने के लिए थिंक टैंक का पहला कदम था। सेमिनार का उद्देश्य रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में राजस्थान राज्य की महत्वपूर्ण क्षमता को पहचानना और तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान में रक्षा विनिर्माण, रखरखाव और मरम्मत केंद्र की स्थापना के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाना था।
इस सेमिनार में 29 से अधिक उद्योगों और एमएसएमई ने भाग लियाl और विभिन्न एजेंसियों द्वारा रक्षा क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं और पहलों को प्रदर्शित करते हुए 23 विभिन्न स्टॉल लगाए गए।
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(Udaipur Kiran) / राजीव