Uttar Pradesh

(संशोधित) कल्कि अवतार बताने वाले, चूहों की गर्दन काट देने वाले ट्रेनी आईपीएस अफसर का दिल्ली में इलाज शुरू

कल्कि अवतार बताने वाले, चूहों की गर्दन काट देने वाले ट्रेनी आईपीएस अफसर का दिल्ली में इलाज शुरू

– सिपाही को अपने घर ले जाकर बोले हवन करके गर्दन कटे चूहों को जिंदा कर दूंगा- ट्रेनी आईपीएस अफसर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसीलिए शनिवार को उनके परिजन उन्हें अपने साथ ले गए : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

मुरादाबाद, 2 फरवरी (Udaipur Kiran) । स्वयं को भगवान विष्णु का कल्कि अवतार बताने वाले, अपने आवास पर चूहों की गर्दन काट देने, फिर हवन कर जिंदा कर देने की बाते कहने वाले मुरादाबाद में तैनात दिल्ली निवासी ट्रेनी आईपीएस अफसर के सबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने रविवार काे कहा कि ट्रेनी आईपीएस अफसर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसीलिए शनिवार को उनके परिजन उन्हें अपने साथ ले गए है और उनका इलाज दिल्ली में करा रहे हैं।

पुलिस विभाग के सूत्रों का दावा है कि कुछ समय से उनकी गतिविधियां अजीब थीं। शुरुआत में तो किसी ने ध्यान नहीं दिया लेकिन उनका व्यवहार लगातार बदलता गया। बीते एक सप्ताह मे तो इन अधिकारी की हरकतों ने सभी को अचम्भे में डाल दिया। इसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

दिल्ली निवासी आईपीएस अफसर को शासन ने बीती 2 सितंबर को मुरादाबाद में एएसपी के पद पर तैनात किया था। कुछ दिन पहले ही उन्हें एक सर्किल की जिम्मेदारी दी गई थी। ट्रेनी आईपीएस यहां अकेले रहते थे। उनका परिवार दिल्ली में रहता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आईपीएस काफी दिनों से अजीब हरकतें कर रहे थे। आवास पर अचानक कभी हंसने लगते थे तो कभी चीखने-चिल्लाने लगते थे। कभी खुद को भगवान विष्णु का कल्कि अवतार बताते थे। बीते सप्ताह एक दिन एक सिपाही को अपने घर पर ले गए और उसे गर्दन कटे चूहे दिखाकर कहा कि वह हवन करके इन्हे फिर से जिंदा कर देंगे। इसके बाद उक्त सिपाही उन्हे गच्चा देकर वहां से भाग आया और वरिष्ठ अधिकारियों को सारी बात बताई। उनकी इस तरह की हरकतों से कर्मचारी भी उनके आवास पर जाने से डरने लगे थे। एक सप्ताह तक यह सब चलता रहा लेकिन अफसरों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंची। – 23 जनवरी को पुलिस लाइन मैदान कपड़े उतारकर मिट्टी में लेट गए थे ट्रेनी आईपीएस आफीसरबीती 26 जनवरी की परेड के लिए पुलिस लाइन मैदान में तैयारी चल रही थी। उसके तीन दिन पहले 23 जनवरी की रात में वह अचनाक अपनी गाड़ी लेकर मैदान में पहुंच गए। रोकने पर कपड़े उतारकर मिट्टी में लेट गए। तब उच्चाधिकारियों तक यह बात पहुंची। इसके बाद उन्होंने कई ऐसी हरकतें की, जिससे अधिकारी भी परेशान हो गए। वह खुद को कल्कि का अवतार बताते हुए मरे हुए चूहों को जीवित करने की बात करने लगे थे।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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