
चित्तौड़गढ़, 17 मई (Udaipur Kiran) । परिवहन विभाग में पुराने वाहनों को बैकलॉग कर उन वाहनों के नम्बर नए वाहनों पर आवंटित करने के मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जयपुर में हुए इस खुलासे के बाद अब प्रदेश भर के परिवहन कार्यालयों में इसकी जांच चल रही है। इस मामले में अब तक दो से तीन जिला परिवहन अधिकारी निलंबित किये जा चुके है। अब फर्जीवाड़े की जांच की आंच चित्तौड़गढ़ तक भी आने की संभावना है। हालांकि इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जांच रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कुछ मामलों में फर्जीवाड़ा होना सामने आया है लेकिन चित्तौड़गढ़ प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के अंतर्गत कितने वाहनों को फर्जीवाड़े से बैकलॉग किया गया है। इसका खुलासा नहीं हुआ है। इस संबंध में मुख्यालय को जांच भेजी गई है और विभागीय जांच चल रही है। प्रदेश भर में करीब 8 हजार 500 वाहनों के बैकलॉग किए जाने की जानकारी सामने आई है। अब मुख्यालय के निर्देशों के बाद ही कार्रवाई हो सकेगी, लेकिन चित्तौड़गढ़ के परिवहन विभाग में मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं यदि जांच में फर्जीवाड़ा आया तो कुछ आरटीओ एजेन्ट सहित कार्मिकों पर भी गाज गिर सकती है।
2018 से पहले के नम्बरों की हुई जांच
जानकारी में आया है कि परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों को बैकलॉग का नये वाहनों पर आवंटित किया है। जयपुर में इस मामले का खुलासा होने के बाद परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए तीन डीटीओ को निलंबित किया था और पूरे प्रदेश में जांच के निर्देश दिये थे। इस मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने 2018 से पहले के नम्बरों की जांच करवाई और पिछले तीन-चार दिनों तक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रिकॉर्ड खंगालते दिखे है। बताया जाता है कि जिला परिवहन कार्यालय चित्तौड़गढ़ से करीब 130 नम्बर और भीलवाड़ा जिला परिवहन कार्यालय से करीब 170 नम्बर बैकलॉग किये गये थे। इनमें से कुछ मामलों में फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई है, जिसकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी गई है।
क्या है बैकलॉग नम्बरों का मामला
किसी व्यक्ति के पुराने नम्बरों का वाहन होने की स्थिति में वह परिवहन विभाग ने नए वाहनों को उन नम्बरों को आवंटन करने के लिए आवेदन कर सकता है। वीआइपी दिखने वाले 3 डिजीट नम्बरों को नए वाहन पर आवंटित किया जाता है। खरीददारों में ऐसे वाहनों का क्रेज होता है। सूत्र बताते है कि ऐसे कई मामले हुए है, जहां पर बाइक के नम्बर को भी चार पहिया वाहनों को आवंटित कर दिया गया।
कर्मचारी और एजेन्ट भी हो सकते है शामिल
जानकारी में आया है कि बैकलॉग नम्बरों के मामले में परिवहन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ संविदाकर्मी और एजेन्ट भी शामिल हो सकते है। हालांकि चित्तौड़गढ़ में 130 और भीलवाड़ा में 170 नम्बर बैकलॉग होना सामने आया है। इसमें से कुछ मामले सही होना साबित हुए है, लेकिन कुछ मामलों में गड़बड़ियां होने की बात भी सामने आ रही है। अंदरखाने चर्चा है कि लाखों रुपए लेकर वीआईपी दिखने वाले इन नम्बरों को आवंटित किया गया था। अब जांच रिपोर्ट के बाद मुख्यालय के अधिकारी इस मामले में एक्शन लेंगे।
इस संबंध में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी चित्तौड़गढ़ नेमीचंद पारीक ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर बैकलॉग मामले में रिकॉर्ड की जांच करवाई जा रही है। एक रिपोर्ट बना कर भी भेजी गई है। चित्तौड़गढ़ में 130 तो भीलवाड़ा में 170 नंबर बैकलॉग होना सामने आया है। इनमें कुछ तो सही आवंटित किए गए हैं लेकिन कुछ गलत पाए गए हैं। मुख्यालय के निर्देशों पर इस मामले में आवश्यक कार्रवाई होगी।
(Udaipur Kiran) / अखिल
