
जम्मू, 1 मार्च (Udaipur Kiran) । एनएसएस इकाइयों ने जूलॉजी विभाग के सहयोग से 24 से 27 फरवरी तक एक्वेरियम बनाने पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य छात्रों, शौकियों और एनएसएस स्वयंसेवकों सहित प्रतिभागियों को एक्वेरियम के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव में आवश्यक कौशल से लैस करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रिंसिपल डॉ. संजय वर्मा ने पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। उनके साथ वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. बी.एल. ठाकुर, प्रो. सुरेश कुमार, डॉ. रजनी और डॉ. मोहिंदर पाल भी मौजूद थे। एंकर बलजीत और मोनिका ने अपने सुंदर शब्दों से उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. वर्मा ने स्वयंसेवकों को इस तरह के कौशल-विकास पहलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उजागर किए गए व्यावहारिक विशेषज्ञता के बढ़ते महत्व पर जोर दिया गया।
पहले दिन जूलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गुरप्रीत कौर के नेतृत्व में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। उन्होंने एक्वेरियम डिजाइन सिद्धांतों, निर्माण तकनीकों, रखरखाव रणनीतियों और आवश्यक सावधानियों जैसे प्रमुख विषयों को कवर किया। दूसरे दिन केवल कृष्ण, मत्स्य पालन के उप निरीक्षक, मछली फार्म नोवाबाद, जम्मू द्वारा एक सत्र आयोजित किया गया जो इस क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले एक अनुभवी विशेषज्ञ हैं। उनके सत्र ने ग्लास कटिंग, असेंबलिंग तकनीक, निस्पंदन सिस्टम और मछली चयन में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की।
अंतिम दिन कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जहां प्राचार्य डॉ. संजय वर्मा ने प्रतिभागियों को उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया। समारोह का एक विशेष आकर्षण 15 एक्वेरियम का प्रदर्शन करने वाली प्रदर्शनी थी, जिसे 75 प्रतिभागियों ने समूहों में काम करके तैयार किया था।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
