HimachalPradesh

नाहन में युवाओं को नशे से बचने के लिए परंपरागत दंगल अखाड़ा शुरू

नाहन, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) ।जिला मुख्यालय नाहन में परंपरागत दंगल अखाड़ा एक बार फिर नए स्वरूप में सजकर तैयार हो गया है । 1980 में नामी पहलवानों ने नाहन में शुरू किया अखाड़े को 40 साल बाद पुलिस विभाग से सेवानिवृत 6 बार नेशनल और 12 बार गोल्ड मेडलिस्ट रहे उस्ताद नरदेव ने संजीवनी दी है । युवाओं को नशे से बचने के लिए निशुल्क दंगल अखाड़ा शुरू करते हुए कुश्ती के दांव पेंच सिखाए जा रहे हैं। नरदेव का मकसद युवाओं को नशे की बुराई से दूर रखकर अपने शरीर को तंदुरुस्त एवं मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करना है।

दंगल अखाड़ा के उस्ताद नरदेव शर्मा ने बताया कि उन्होंने यहां 1980 के दशक में कुश्ती अखाड़ा में अपने उस्ताद पहलवानों से दांव पैच सीखकर नाहन समेत जिला सिरमौर व हिमाचल का 6 बार नेशनल व 12 बार गोल्ड मेडलिस्ट रहकर नाम रोशन किया था । इसी सोच को लेकर वह अब लंबे समय से बंद पड़े दंगल अखाड़ा को शुरू कर रहे हैं और यहां युवाओं को नशे से दूर रखकर अपने शरीर पर ध्यान देते हुए दंगल अखाड़ा में अपना भविष्य तलाशने के लिए दांव पैच सीखा रहे हैं । यह बिल्कुल निशुल्क सेवा कार्य है ताकि युवाओं को परंपरागत दंगल अखाड़ा से जोड़ते हुए उनके उज्जवल भविष्य बनाया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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