धमतरी, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड को जिला धमतरी, कुरुद से जोड़ने वाले मेघा महानदी में बने ताराचंद सेतु 21 सितंबर को क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसमें पूर्णतया आवागमन बंद कर दिया गया है। पुल टूटने के दो माह से अधिक समय हो जाने के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा कोई वैकल्पिक मार्ग निर्माण नहीं करने के विरोध में मेघा के व्यापारियों ने रपटा के पास विरोध प्रदर्शन किया।
आवागमन बंद हो जाने से राहगीर, कर्मचारी, विद्यार्थी सहित आम जनता को परेशानी हो रही है साथ ही मेघा की व्यवसायिक धंधा भी पूरी तरह चरमरा गई है। पुल टूटने के दो माह से अधिक समय हो जाने के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा कोई वैकल्पिक मार्ग का निर्माण नहीं किया गया। वैकल्पिक मार्ग के तत्काल निर्माण करने मेघा के व्यापारी एवं क्षेत्रवासियों द्वारा 29 नवंबर दिन शुक्रवार को ग्राम मेघा के बस स्टैंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व चक्काजाम किया गया। धरना स्थल में बैठे व्यापारी एवं क्षेत्रवासियों ने कहा की मेघा पुल टूटे हुए लगभग ढाई माह हो गया हैं मगर शासन प्रशासन द्वारा रपटा निर्माण के लिए कोई पहल नहीं किया गया हैं। जबकि यह मुख्य मार्ग हैं इसमें सभी तरह के लोगों का हमेशा आना जाना लगा रहता हैं। पुल टूटने से मेघा के व्यापारियों को घाटा का सामना करना पड़ रहा है।
शासन प्रशासन को वैकल्पिक मार्ग निर्माण करने की मांग कई बार किया गया लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। व्यापारी एवं क्षेत्रवासियों द्वारा शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करने मजबूरी में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। धरना स्थल पर उपस्थित एसडीएम डीडी मंडावी को मांग पत्र सौंपते हुए 10 दिन के भीतर रपटा निर्माण शुरू करने की मांग की है। उक्त तिथि में रपटा निर्माण शुरू नहीं होने पर मगरलोड, मेघा, मोहंदी के व्यापारी एवं क्षेत्रवासी के सहयोग से उग्र प्रदर्शन करने में बाधित होंगे। धरना स्थल पर अनुविभागीय अधिकारी डीडी मंडावी ने शासन- प्रशासन द्वारा पुल निर्माण व रपटा निर्माण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताने का प्रयास किया गया लेकिन व्यापारी एवं क्षेत्रवासियों द्वारा बात को अनसुनी करते हुए 10 दिवस के भीतर रपटा निर्माण कराने की मांग की।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा