HimachalPradesh

उहल नदी में छोड़ी जा रही है जहरीली सिल्ट, ट्राउट मछली का बीज नाश हो जाने का बना खतरा 

मंडी, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । देवभूमि पर्यावरण रक्षक मंच ने मंडी जिले के बरोट बांध से उहल नदी में जहरीली सिल्ट छोड़े जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंच के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सैनी ने बताया कि बरोट बांध से रात को जहरीली व गन्दी सिल्ट ऊहल नदी में छोड़ी जा रही है। सिल्ट व्यास नदी तक पहुॅच गई है जिसके कारण जितनी भी पीने के पानी की योजनाएं हैं, वह प्रभावित हो रही है । मण्डी शहर की पेयजल सप्लाई योजना का स्त्रोत भी उहल नदी ही है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में 03.12.2024 को प्रदेश सरकार व सम्बन्धित विभाग को लिखित जानकारी दी जा चुकी है । जहरीली सिल्ट के कारण नदी में जितने भी जीव जन्तु हैं वे मर रहे है। ऊहल नदी में ट्राऊट मछलियाँ होती है और आजकल 01.11.2024 से 28.02.2025 तक ट्राऊट मछलियाँ पकड़ने पर मत्स्य विभाग ने प्रतिबंध लगा रखा है, क्योंकि इस वक्त ट्राऊट मछलियाँ का प्रजनन काल होता है। इस दौरान नदी में गन्दी व जहारली सिल्ट नही छोड़नी चाहिए। पिछलें वर्ष मत्स्य विभाग ने ट्राऊट मछलियों के रेनवो व ब्राऊन के 10 हजार बीज कमान्द के पास ऊहल नदी में डाले थे वह भी जहरीली सिल्ट के कारण तबाह हो गये। जहरीली सिल्ट सिंचाई खेतों के लिये भी हानिकारक है। जंगली पशु पक्षी इस सिल्ट से बीमार हो जाते हैं व मर भी सकते है तथा कई प्रकार की बिमारियॉ फैल सकती है।

मंच का कहना है कि बरसात में भी हर वर्ष सिल्ट छोड़ी जाये तो कोई भी हानि नही होती है। यह बरोट बांध वालों का लापरवाही का मामला है पर्यावरण से खिलवाड़ है तथा बहुत गंम्भीर समस्या है। प्रदेश सरकार से प्रार्थना है कि बरोट बांध वालों के ऊपर सख्त कार्यवाही करने की कृपा करें 2023-24 में बरसात में जो हादसे व जानमाल का नुकसान हुआ यही लोग जिम्मेवार है । जगह -जगह नदी में जहरीली सिल्ट के ढेर लगे हुये है जिसके कारण आने वाले समय में भारी तबाही हो सकती हैं। इस पर तुरंत कार्रवाई करके सिल्ट को बंद करने की मांग मंच ने की है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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