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श्रीपुष्कर पशु मेले में दाे नवंबर से, 60 से ज्यादा देशों के जुटेंगे सैलानी

फाइल

अजमेर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्रीपुष्कर पशु मेला दाे नवंबर से शुरू होगा। इसके लिए पुष्कर की होटल, होम स्टे और गेस्ट हाउस अभी से बुक होना शुरू हो गए हैं। यूरोपियन सैलानी बड़े होटल-रिसोर्ट बुक करा रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियां मेले को लेकर पैकेज दे रही हैं, जिनमें फ्लाइट बुकिंग से लेकर होटल रिसोर्ट, फूड आदि सब कुछ शामिल हैं।

करीब 15 दिनों के मेले में अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, जापान, कोरिया, यूएई, थाईलैंड, सिंगापुर सहित 60 से ज्यादा देशों के सैलानी रेगिस्तानी जहाज ऊंट और घोड़ों के करतब देखने आते हैं। मेले के दौरान ऊंट और घोड़ों की कई प्रतियोगिता होगी। मेले से टूर एंड ट्रैवल्स, स्थानीय बाजार, होटल रिसोर्ट, रेस्तरां, पशुपालकों आदि की करोड़ों की कमाई होती है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया कि दाे नवंबर कार्तिक शुक्ल एकम से 17 नवंबर मार्गशीष कृष्णदूज तक श्रीपुष्कर पशु मेला होगा। दाे नवंबर को मेला ऑफिस स्थापित होगा। चार नवंबर को चौकियों की स्थापना होगी। नाै नवंबर को ध्वजारोहण के साथ मेला परवान चढ़ेगा। इसी दिन सफेद चिट्टी और 10 नवंबर से पशुपालकों का रवन्ना कटना शुरू हो जाएगा। 12 नवंबर को विकास और गिर प्रदर्शनी लगेगी। नाै से 14 नवंबर तक प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 12 से 14 नवंबर तक पशु प्रतियोगिताएं होंगी। 15 नवंबर को पुरस्कार वितरण समारोह होगा। 17 नवंबर को मार्गशीष दूज के साथ मेला समापन होगा।

बारह नवंबर से धार्मिक मेला शुरू होगा। इसी दिन एकादशी और पंचतीर्थ स्नान होगा जबकि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा महास्नान होगा। धार्मिक मेले में देशभर से 13 अखाड़ों के साधु-संत जुटेंगे। देशी सैलानियों का भी सर्वाधिक आगमन इसी दौरान होगा। पर्यटन अधिकारी प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से मेले में शिल्पग्राम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं होगी। इसके लिए राज्य सरकार से 70 लाख रुपये का बजट मांगा गया है। मेले के दौरान देशी- विदेशी पर्यटकों के लिए क्रिकेट मैच, फुटबाल, रस्साकसी, सतोलिया और कबड्‌डी मैच का आयोजन होता है। ऊंट-घोड़ों की सजावट, नृत्य आदि की प्रतियोगिता होंगी। सैलानियों के लिए मूंछ, टरबन, दुल्हा-दुल्हन बनो, रंगोली, मांडना जैसी कई प्रतियोगिता भी मेले का हिस्सा होती हैं। हर पांच साल में अमूमन चौथे- पांचवे साल चुनाव होने से पुष्कर पशु मेला आचार संहिता लागू होने से प्रभावित होता है। इस बार नवंबर में होने वाले शहरी निकाय चुनाव टलने से मेले में रौनक रहेगी। पिछले साल विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मेले के लिए पर्याप्त बजट नहीं मिल सका था। जनप्रतिनिधियों को भी मेले से दूरी बनानी पड़ी थी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार मेले की व्यवस्थाओं के लिए सरकार की ओर से पर्याप्त बजट भी उपलब्ध हो सकेगा।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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