
काठमांडू, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजशाही के पक्ष में एक बार फिर से प्रदर्शन की घोषणा के साथ ही देश के प्रमुख राजनीतिक दल के सिर्फ नेताओं ने गणतंत्र और संविधान की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के द्वारा बुलाई गई बैठक में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देव तथा माओवादी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड तीनों नहीं देश में लोकतंत्र की रक्षा और गणतंत्र के पक्ष में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली सहित प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक प्रणाली और संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र सहित के संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की है। इन तीनों नेताओं ने देश की जनता से राजशाही के पक्ष में हो रहे प्रदर्शन का प्रतिकार करने और लोकतंत्र तथा गणतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की है।
प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर शनिवार की शाम को आयोजित एक बैठक में, शीर्ष नेताओं ने राजशाही के पक्ष में बढ़ते प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए सभी गणतंत्र पक्षधर ताकतों को एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया है।
इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के कानूनी सलाहकार अग्नि खरेल ने कहा कि तीनों शीर्ष नेताओं ने राजतंत्र समर्थकों द्वारा सामाजिक अराजकता पैदा कर लोकतंत्र और गणतंत्र के विरोध में बन रहे माहौल का डट कर सामना करने की चर्चा की है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके कानून और व्यवस्था को अस्थिर करने के लिए किए जा रहे कृत्यों के प्रति सतर्क रहने के लिए भी आम जनता से अपील की गई है।
प्रधानमंत्री के सलाहकार खरेल ने बताया कि आवश्यकता होने पर तीनों दल सामूहिक रूप से गणतंत्र के पक्ष में प्रदर्शन भी करने को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि राजतंत्र के पक्ष में प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाने, समाज में द्वंद फैलाने और हिंसक वातावरण बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए सरकार को साथ देने की भी बात कही है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
