नैनीताल, 22 जनवरी (Udaipur Kiran) । 1845 में स्थापित 184 वर्ष पुरानी देश की दूसरी सबसे पुरानी नैनीताल नगर पालिका दुनिया में ऐसा अनूठा व इकलौता शहर होगा जिसे बसने के चार वर्ष के अंदर ही नगर पालिका का दर्जा मिल गया था। इतिहासकारों के अनुसार 1841 में अंग्रेजों द्वारा बसाये गये इस नगर के अंग्रेज नियंताओं ने शहर के बसते ही इसकी साफ-सफाई को सुनियोजित करने के लिए बंगाल प्रेसीडेंसी एक्ट-1842 के तहत इसे 1845 में नगर पालिका का दर्जा दे दिया था। नैनीताल नगर पालिका के 3 पालिकाध्यक्ष विधायक बने जबकि एक सभासद मंत्री भी बने। शुक्रवार को 25578 मतदाता इस ऐतिहासिक नगर पालिका में नयी सरकार चुनने के लिये अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
इतिहासकारों के हवाले से नैनीताल नगर पालिका के इतिहास की बात करें तो 18 नवंबर 1841 को यहां पहला अंग्रेज पीटर बैरन आया था और 1845 में मेजर लूसिंग्टन, 1870 में जे मैकडोनाल्ड व 1845 में एलएच रॉबर्टस यहां नगर पालिका स्थापित होने के बाद अध्यक्ष बने। 1891 तक कुमाऊं कमिश्नर नैनीताल नगर पालिका की छह सदस्यीय पालिका बोर्ड के पदेन अध्यक्ष व असिस्टेंट कमिश्नर उपाध्यक्ष होते थे। 1891 के बाद डिप्टी कमिश्नर अध्यक्ष होने लगे। 1900 से यहां वैतनिक सचिव नियुक्त एवं पालिका बोर्ड में पांच निर्वाचित एवं छह मनोनीत सदस्य तथा 1921 से छह व 1927 से आठ निर्वाचित सदस्य होने लगे। 1934 में आरई बुशर पहली बार सरकार से मनोनीत गैर अधिकारी अध्यक्ष नियुक्त किये गये। 1941 में पहली बार रायबहादुर जसौत सिंह बिष्ट जनता से चुन कर पालिकाध्यक्ष बने। उनके बाद 1953 से राय बहादुर मनोहर लाल साह, 1964 से बाल कृष्ण सनवाल, 1971 से किशन सिंह तड़ागी पालिकाध्यक्ष रहे। 1977 से 1988 तक नैनीताल पालिका डीएम के हाथ में रही।
1977 तक बोर्ड के सदस्य म्युनिसिपल कमिश्नर कहे जाते थे। 1919 में जिम कार्बेट भी म्युनिसिपल कमिश्नर रहे। आगे 1988 में अधिवक्ता राम सिंह बिष्ट, 1994 से 1997 तक प्रशासक, 1997 में अधिवक्ता संजय कुमार ‘संजू’, 2003 में सरिता आर्या, 2008 में मुकेश जोशी, 2013 में श्याम नारायण और 2018 में सचिन नेगी नैनीताल पालिका के अध्यक्ष बने। इस तरह 2 राय बहादुरों के साथ कई अधिवक्ता एवं गणमान्य नैनीताल पालिका के अध्यक्ष रहे हैं। जबकि बाल कृष्ण सनवाल, किशन सिंह तड़ागी व सरिता आर्या विधायक तथा यहां सभासद रहे श्रीचंद उत्तर प्रदेश सरकार में वन व न्याय मंत्री भी रहे।
पिछली बार से ढाई हजार कम 25578 मतदाताओं की अंतिम सूची आई सामने
नैनीताल नगर पालिका चुनाव में इस वर्ष 25578 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जो 2018 के 8,784 महिला और 9,187 पुरुष मतदाताओं यानी कुल 28,165 मतदाताओं की तुलना में 2587 कम हैं। इसका एक मुख्य कारण मेट्रोपोल बस्ती का ध्वस्तीकरण और लोगों का पलायन भी माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नैनीताल नगर पालिका के 15 वार्डों में सबसे अधिक मतदाता वार्ड संख्या एक स्टाफ हाउस में 2116 मतदाता हैं। जबकि वार्ड संख्या 12 सैनिक स्कूल में सबसे कम 1252 मतदाता हैं। इसके अतिरिक्त शेर का डांडा में 1951, राजभवन में 1637, हरिनगर में 1534, स्नोव्यू में 1991, नारायणनगर में 1826, सूखाताल में 1451, अयारपाटा में 1987, अपर माल में 2007, नैनीताल क्लब में 1769, कृष्णापुर में 1609, आवागढ़ में 1463, मल्लीताल बाजार में 1647 व तल्लीताल बाजार में 1341 मतदाता हैं। यह मतदाता पालिकाध्यक्ष पद के 6 उम्मीदवार-भाजपा की जीवंती भट्ट, कांग्रेस की डॉ. सरस्वती खेतवाल, उक्रांद की लीला बोरा, निर्दलीय दीपा मिश्रा, ममता जोशी व संध्या शर्मा एवं 15 वार्डों में कुल 76 उम्मीदवार में से अपनी छोटी सरकार यानी नयी बोर्ड चुनेंगे।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी