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दादा भगवान की वाणी और व्यवहार से आज की पीढ़ी को मिल रही सीख : भूपेंद्र पटेल

वडोदरा में दादा भगवान की 117वीं जयंती के उत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

-वडोदरा में दादा भगवान की 117वीं जयंती के उत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

वडोदरा, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार को वडोदरा में आयोजित दादा भगवान की 117वीं जयंती के उत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री और आत्मज्ञानी दीपकभाई ने भारत सरकार के डाक विभाग की ओर से जारी दादा भगवान की स्मारक डाक टिकट का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रत्येक संप्रदाय एक ही अंतिम सत्य की बात करता है, और वह है आत्मज्ञान। आत्मज्ञान प्राप्त करने के अनेक मार्ग हैं। हालांकि, अन्य संप्रदाय चरणबद्ध ज्ञान पर जोर देते हैं, लेकिन पू. दादा भगवान द्वारा दिया गया ज्ञान कर्म या चरणों के बिना, सीधे ही आत्मज्ञान की प्राप्ति कराता है। उन्होंने कहा कि पू. दादा भगवान की वाणी और व्यवहार के द्वारा आज की पीढ़ी को यह समझ मिल रही है कि समस्याओं, प्रदूषण और चुनौतियों के साथ तालमेल बनाकर जीवन को किस तरह जिएं।

दादा भगवान के जीवन-मार्ग का संक्षिप्त परिचय देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सूरत के रेलवे स्टेशन में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी और अक्रम विज्ञान का अनुभव हुआ था। इस अक्रम विज्ञान के माध्यम से देश और दुनिया में अनेक लोग कर्ममुक्त जीवन जीने का मार्ग अपनाकर मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दादा भगवान ने साधु, सादे और सरल जीवन के जरिए मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि वडोदरा पूज्य दादा भगवान की कर्मभूमि रही है और जीवन का अंतिम समय भी उन्होंने यहीं बिताया है। वडोदरा शहर की मामा की पोल (गली) दादा भगवान के ऋणानुबंध की भूमि है। उनकी विरासत और ज्ञान-प्रकाश के माध्यम से आज वडोदरा के नवलखी मैदान में देखने योग्य दुनिया का निर्माण हुआ है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकास भी, विरासत भी’ के संकल्प सूत्र के अंतर्गत पूज्य दादा भगवान की तस्वीर वाली डाक टिकट का विमोचन किया गया है। पू. दादा भगवान की 117वीं जयंती के उत्सव के दिन ही डाक टिकट का विमोचन सोने में सुगंध के समान है।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी ज्ञान मुमुक्षों को ज्ञान विधि का लाभ अवश्य लेने की विनम्र अपील करते हुए कहा कि ज्ञान विधि प्राप्त होने के बाद दूसरों में दोष देखने के बजाय अपने दोष ढूंढ़कर स्वयं में ही सुधार करने की पद्धति जीवन में विकसित होगी।

इसके साथ ही, उन्होंने ‘मेरा ज्ञान दिवस है’ कहते हुए उपस्थित सभी महात्माओं से प्रार्थना करने को कहा ताकि उनके मोक्ष मार्ग में कोई विघ्न न आए।

कार्यक्रम में पूज्य दीपक भाई, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय संचार मंत्रालय के प्रतिनिधि तथा वडोदरा के पोस्टमास्टर जनरल दिनेश शर्मा ने डाक टिकट का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री और महानुभावों ने आरती उतारकर आशका (दोनों हाथों से आरती लेना) ली। बाद में उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों को बहुत रुचिपूर्वक देखा।

इस अवसर पर वडोदरा की महापौर पिंकीबेन सोनी, सांसद डॉ. हेमांग जोषी, मुख्य सचेतक बालकृष्ण शुक्ल, भाजपा शहर अध्यक्ष विजयभाई शाह, विधायक केयूरभाई रोकड़िया, मनीषाबेन वकील, योगेशभाई पटेल, मनपा स्थाई समिति की अध्यक्ष डॉ. शीतल मिस्त्री, जिला कलेक्टर बी.ए. शाह, पुलिस आयुक्त नरसिम्हा कोमार, कई जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में धर्मप्रेमी लोग और दर्शनार्थी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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