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अटल विचारधारा को देश-विदेश में फैलाने के लिए पटना से 25 को शुरू होगा अटल मार्च : डॉ बीरबल झा

कार्यक्रम के लोगो का फोटो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्ली/पटना, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अटल सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। उनका सम्मान करना हम सबका दायित्व है। आज की पीढ़ी का उनके विचार और चिंतनधारा का समझने की जरूरत है। इसी उद्देश्‍य से राजधानी पटना में पहली बार “अटल मार्च” का आयोजन होने जा रहा है। इस मार्च का नेतृत्व लेखक, सामाजिक उद्यमी और ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ बीरबल झा करेंगे।

डॉ बीरबल झा ने रविवार को बताया कि “अटल मार्च की शुरुआत 25 दिसंबर 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर पटना से होगी। यह मार्च अटल विचारधारा को देश-विदेश में फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इस मार्च का आयोजन मिथिलालोक फाउंडेशन और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त ब्रिटिश लिंग्वा द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह मार्च राजेंद्र नगर टर्मिनल से प्रारंभ होकर राजनिवास तक जाएगा, जहां बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर को एतत विषयक ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त होगा।

उन्‍होंने कहा कि अटल मार्च की शुरुआत का उद्देश्य पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, कार्य और उनके योगदान को याद करना है, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में मैथिली भाषा को देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया। झा ने बताया कि इस मार्च का उद्देश्य वाजपेयी के भारतीय राजनीति में किए गए महान योगदानों, उनके दूरदृष्टि नेतृत्व और उनके दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह कार्यक्रम राज्य के युवाओं को प्रेरित करने का भी लक्ष्य रखता है, जिसमें अटल जी के आदर्शों और नेतृत्व के सिद्धांतों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा।

डॉ. बीरबल झा के नेतृत्व में आयोजित होने वाले इस मार्च का मकसद अटल बिहारी वाजपेयी की धरोहर भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाना है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह का पदयात्रा कार्यक्रम आने वाले दिनों में राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा। इस मार्च में युवाओं की सक्रिय भागीदारी होगी, जिनकी बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। मार्च का समापन एक बैठक के रूप में होगा, जहां प्रतिभागी वाजपेयी के दर्शन के बारे में अधिक जान सकेंगे।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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