अशोकनगर,25 जुलाई (Udaipur Kiran) । शहर की प्राकृतिक संपदा और शहर का एक मात्र जल स्त्रोत तुलसी सरोवर के अस्तित्व बचाने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा बखूबी लड़ाई लड़ी जा रही है।
शहर में भू-माफियाओं द्वारा जहां तुलसी सरोवर तालाब के अस्तित्व को मिटाने के षणयंत्र के तहत कहीं सरोवर में प्रतिमा लगाने के नाम पर टापू का निर्माण तो कहीं कंक्रीट की दीवार निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत अवैधानिक है।
छत्तीसगढ़ के पर्यावरण प्रेमी नवीन संघवी द्वारा तुलसी सरोवर तालाब के अस्तित्व बचाने के उद्देश्य से लगातार मध्यप्रदेश वेटलैण्ड प्राधिकरण भोपाल को कार्रवाई करने बीते अप्रैल माह से पत्र लिखे जा रहे हैं।
जिसको लेकर संजीव सिंह कार्यपालन संचालक एप्को एवं सदस्य सचिव, राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कलेक्टर को तालाब में निर्माण कार्य रुकवाने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए बार-बार कहा जा रहा है।
इसी संबंध में नितिन संघवी का हवाला देते हुए राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण भोपाल द्वारा कलेक्टर से तालाब में हो रहे निर्माण रोकने संबंधी जिला वेटलैण्ड संरक्षण समिति की दिनांक 12 जून 2024 को सम्पन्न हुई बैठक की जानकारी हेतु 27 जुलाई 2024 को कलेक्टर को पत्र लिखा गया है।
पत्र में कहा गया है कि तुलसी सरोवर तालाब में प्रतिमा स्थापना एवं अन्य निर्माण कार्य के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाई के लिए निर्देश दिए गए थे। सम्पन्न बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार की गई कार्रवाई की बिन्दुवार जानकारी सहित प्रकरण की बस्तुस्थिति से अवगत कराएं।
वहीं पर्यावरण प्रेमी नवीन संघवी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तालाब में टापू निर्माण और अन्य कंक्रीट दीवार निर्माण अवैधानिक हैं, जो जलीय जीव-जंतुओं के लिए अत्यंत घातक हैं। उनका ये भी कहना है कि उनके द्वारा मध्यप्रदेश वेटलैण्ड प्राधिकरण को किए जा रहे पत्र व्यवहार के बावजूद भी उन्हें तालाब में निर्माण कार्य होने के प्रमाण मिल रहे हैं, जो आश्चर्य जनक हैं,जिन को तोड़ कर तत्काल नष्ट करना चाहिए ताकि तालाब का अस्तित्व बचा रह सके।
(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार / राजू विश्वकर्मा