मंडी, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की सांस्कृतकि नगरी के नाम से मशहूर मंडी शहर के सांस्कृतकि वैभव को लौटाने के लिए नगर निगम मंडी की ओर से कई सकारात्मक फैसले लिए गए हैं। इसी कड़ी में मंडी शहर की ऐतिहासिक धरोहरों का प्राचीन पहचान वापस लाने के लिए मंदिरों और धरोहर इमारतों के पत्थरों पर लगा रंग रोगन हटाया जाएगा। मंगलवार को नगर निगम की साधारण बैठक महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मंडी नगर निगम क्षेत्र से संबंधित कई अहम निर्णय लिए गए।
नगर निगम की इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर के मंदिरों व अन्य ऐतिहासिक धरोहरों, खासकर जिसमें पत्थरों का इस्तमेल किया गया है, उसके उपर से रंग रोगन आदि न किए जाने को लेकर प्रबंधन समितियों से संवाद किया जाएगा ताकि इनकी सुंदरता व आकर्षण खत्म न हो सके।
महापौर विरेंद्र भट्ट ने बताया कि शहर की समस्त घरोंहरों की जानकारी आम जनता व बाहर से आने वाले पर्यटकों तक पंहुचाने के लिए एक कॉफ की टेबल बुक प्रकाशित की जाएगी जो नगर निगम के अधिकारिक साईट पर भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा प्राचीन टांकरी लिपी को प्रोत्साहित करने के उदेश्य से जल्द ही एक कार्यशाला आयेजित की जाएगी तथा जो भी टांकरी लिपि सीखने के इच्छुक व्यक्ति हो वह नगर निगम कार्यालय में संपर्क कर सकता है। शहर के मुख्य स्थानों पर बनी दीवारों, डंगों आदि पर चित्रकारी करवाकर शहर की सुंदरता को बढ़ाया जाएगा।
वहीं नगर निगम द्वारा आईआईटी के माध्यम से मंदिरों की कार्बन डेटिंग की जाएगी, जिससे मंदिरों की स्थापना वर्ष का पता चल सकेगा। यही नहीं नगर निगम की आर्थिक स्थित को सुधारने के उद्देश्य से सफाई शुल्क, त्यौहारी वैंडिग जोन में हल्की बढ़ोतरी के साथ-साथ गृह कर में मिल रही 10 प्रतिशित छूट को भी फि लहाल खत्म किया गया। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स फीस में भी नियमानुसार वृद्धि की गई, कूड़ा एकत्रिकरण शुल्क अब 50 से बढ़ाकर 70 रूपए प्रतिमाह किया गया। शहर की साफ-सफाई व्यवस्था दरुस्त रखने के लिएनिगम के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ-साथ पार्षदों को भी चालान के अधिकार दिया जाएगा।
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में 17 सितंबर से एक अक्तूबर 2024 तक शहर के अलग-अलग स्थानों पर अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगें। इसके अलावा निगम के क्षेत्राधिकार में कुछ महिला शौचालयों में ट्रायल तौर पर सैनेटरी पैड वैंडिंग मशीन भी लगवाई जाएगी। शहर के बेरोजगार युवक-युवतियों को कौशल विकास योजना के जोडक़र स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
महापौर ने कहा कि नगर निगम के क्षेत्राधिकार में विकासात्मक कार्यों को लेकर बहुत सी शिकायतें प्राप्त हो रही है। इसलिए विकासात्मक कार्यों की गुणवता की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के तहत 56 लाख रूपए की धन राशि विकास कार्यों के लिए प्राप्त हुई है शीघ्र ही वार्डों में प्राकलन तैयार कर विकासात्मक कार्य करवाए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा