
बुवाई से पूर्व भूमि एवं बीज शोधन को अपनाया जाना नितांत आवश्यक:-कृषि रक्षा अधिकारी
हरदोई, 16 मई (Udaipur Kiran) । कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार ने बताया है कि फसलों मे प्रति वर्ष कीट/रोग एवं खरपतवार से होने वाली क्षति एवं कृषि रक्षा रसायनों के अविवेकपूर्ण प्रयोग से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है। जिसके लिये वर्तमान समय मे बुवाई से पूर्व भूमि शोधन एवं बीज शोधन को अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है तथा कृषकों उत्पादन लागत कम होने से उनकी आय में वृद्धि होने के साथ पर्यावरणीय प्रदूषण भी कम होता है।
भूमि जनित कीट/रोग से बचाव के लिये बुवाई से पूर्व भूमि शोधन हेतु व्यूवेरिया सियाना 1 किग्रा/एकड की दर से 20-25 किग्रा0 सडी गोबर की खाद मे अच्छे से मिलाकर एक सप्ताह के लिये छायादार स्थान पर टाट के बोरे से ढक कर रखना चाहिये। प्रत्येक दिन शाम के समय पानी का छिड़काव करना चाहिये। आखिरी जुताई पर शाम के समय खेत में बिखेर कर पाटा लगा देना चाहिये। तथा 1 किग्रा बीज शोधित करने के लिये 5-10 ग्राम ट्राइकोडर्मा हारजेनियम का प्रयोग करना चाहिये । अथवा रसायन कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिवडब्लू०पी० की 3 ग्राम/किग्रा० धान के बीज का उपचार करके नर्सरी डालनी चाहिये। जिससे धान की नर्सरी मे लगने वाले रोग जैसे-भूरा धब्बा, सीड बलाइट इत्यादि मे कमी दिखाई देती है। उपरोक्त रसायन जनपद की समस्त कृषि रक्षा इकाइयों पर 50 प्रति अनुदान पर उपलब्ध है।
(Udaipur Kiran) / अंबरीश कुमार सक्सेना
