

मुंबई , 12 जून ( हि. स.) । अक्सर बरसात में जब भी दो या तीन मूसलाधार पानी बरस जाता है ऐसी स्थिति में ठाणे में वॉटर लॉगिंग को समस्या आम होती है।ठाणे महानगर पालिका आयुक्त सौरभ राव ने आज अधिकारियों के साथ शहर के निचले इलाकों का निरीक्षण किया जहां बारिश के कारण पानी जमा होता है। आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि भारी बारिश के दौरान निचले इलाकों में जमा होने वाले पानी के कारण नागरिकों को असुविधा न हो, इसके लिए उचित सावधानी बरती जाए।शहर में निचले इलाकों में जमा होने वाले पानी को पंपों की मदद से नालों में छोड़ने की कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सड़कों पर बने बरसाती नालों की फिर से सफाई की जानी चाहिए ताकि उनकी जल वहन क्षमता बढ़ सके। आज इस दौरे के अवसर पर आयुक्त राव ने विटावा सबवे, पेढया मारुति क्षेत्र, मसुंदा तालाब, वंदना टॉकीज क्षेत्र, चिखलवाड़ी, भांजेवाड़ी, ज्ञान साधना महाविद्यालय आदि निचले क्षेत्रों का निरीक्षण किया। विटावा सबवे पर 40 एचपी का पंप लगाया गया है, जिसका निरीक्षण आयुक्त ने किया तथा इस स्थान पर 24 घंटे दो कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही आयुक्त ने मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी तथा ज्वार के समय को देखते हुए इस स्थान पर पंप चालू रखने के निर्देश दिए। पेढया मारुति क्षेत्र में जमा हो रहे पानी को शीघ्र निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं तथा क्रॉस कल्वर्ट की सफाई करने तथा बारिश के मौसम में उस स्थान पर 24 घंटे पंप को मैनपावर के साथ चालू रखने के निर्देश आयुक्त सौरभ राव ने दिए। इधर वंदना एसटी डिपो के क्षेत्र में नगर निगम ने पंप उपलब्ध कराए हैं, जहां मानसून के दौरान पानी भर जाता है। उन्होंने भारी बारिश के दौरान उक्त स्थान पर नगर निगम के कर्मचारियों को रखने के निर्देश भी दिए। आयुक्त ने चिखलवाड़ी क्षेत्र में वर्तमान में स्थापित पंप का निरीक्षण किया। आयुक्त राव ने भारी बारिश के दौरान यहां के पंप पूरी क्षमता से संचालित हों, इसके लिए सतर्क रहने तथा नागरिकों के घरों में पानी न घुसे, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश भी दिए। मानसून सीजन के लिए नगर निगम की पूरी व्यवस्था तैयार है। नगर निगम सीमा में 300 किलोमीटर नालों की सफाई की जा चुकी है। आयुक्त ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 34 निचले इलाके हैं, जिनमें से 14 निचले इलाकों में हल्की बारिश के दौरान पानी जमा हो जाता है, इसलिए कुल 64 पंपों की व्यवस्था की गई है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
