Madhya Pradesh

मप्र के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में तीन शावकों के साथ दिखी बाघिन ‘लक्ष्मी

पेंच राष्ट्रीय उद्यान में बाघिन 'लक्ष्मी

भोपाल, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित प्रसिद्ध पेंच राष्ट्रीय उद्यान में बुधवार सुबह सफारी के दौरान लक्ष्मी बाघिन तीन शावकों के साथ चहलकदमी करते नजर आई। इसे देख पर्यटक रोमांचित हो गए। पेंच टाइगर रिजर्व को द जंगल बुक के प्रमुख किरदार मोगली के नाम से जाना जाता है। जहां देश और विदेश देश बड़ी संख्या में सैलानी जंगल सफारी करने आते हैं।

यहां बाघ समेत कई वन्य प्राणी देखने को मिल जाते हैं। वहीं, जब सैलानी जंगल की सफारी कर रहे थे ,तो लक्ष्मी बाघिन झाड़ियों से सड़क शावकों के साथ चहलकदमी करते दिखाई दी। इस नजारे को पर्यटकों ने कैमरे में कैद कर लिया। नन्हे शावक एक से दो महीने के हैं। वे मांद से निकलने के बाद पहली बार बाघिन के साथ दिखे।

पेंच पार्क के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि पर्यटकों की ओर से बनाए गए वीडियों में बाघिन के हाल जन्मे शावक दिख रहे हैं। इनकी उम्र 1 से 2 महीने होगी।

बता दें कि रुडयार्ड किपलिंग की ‘द जंगल बुक’ का मुख्य पात्र भेड़िया बालक ‘मोगली’ का घर पेंच टाइगर रिजर्व को माना जाता है। मोगली व उसके वन्यप्राणी मित्रों का नाम हर उम्र के लोगों की जुबां पर रहता है। ‘मोगली’ के घर को देखने की ख्वाहिश लेकर देश व दुनिया से लोग पेंच राष्ट्रीय उद्यान पहुंचते हैं। पेंच टाइगर रिजर्व का 1179 वर्ग किमी क्षेत्रफल सिवनी व छिंदवाड़ा जिले में पेंच नदी के बीच फैला है। इसका 411 वर्ग किमी क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र (कोर एरिया) है।

पेंच और उससे लगे जंगल में गणना अनुसार, यहां 123 बाघों का रहवास है। वर्ष 2006 में इनकी संख्या मात्र 35 रह गई थी। बाघों के संरक्षण पर फैलाई गई जागरूकता, बेहतर प्रबंधन व सुरक्षा का नतीजा है कि बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। जंगल में 1010 प्रजाति के पेड़ पौधे, वनस्पति व घास मिलती है। जंगल के बीच में बहने वाली नदी पेंच पार्क को दो हिस्सों में बांटती है। नदी में मछलियों की 50 प्रजातियां पाई जाती हैं। जबकि पक्षियों की 325 प्रजातियां, स्तनधारियों की 57. सरीसृप की 37, तितलियों की 100 और 13 प्रजाति के उभयचर वन्यप्राणियों की मौजूदगी जंगल में मिलती है।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top