
एसटीएफ ने राज्य में 145 एमटीपी किट की जब्तअतिरिक्त मुख्य सचिव को साैंपी साप्ताहिक रिपोर्ट
चंडीगढ़, 14 मई (Udaipur Kiran) । प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लाने और अवैध गर्भपात पर शिकंजा कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग ने अवैध गर्भपात के आराेप में एक सप्ताह में 13 सेंटर को सील कर दिया है और 17 एफआईआर दर्ज की हैं।
प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए गठित की गई राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) एक्शन मोड में है। एसटीएफ ने एक सप्ताह में एमटीपी किट की अवैध बिक्री को लेकर राज्यभर में 19 छापे मारे गए और 17 एफआईआर दर्ज की गईं। इसके अलावा, अवैध कार्य पाए जाने पर 13 दुकानों को सील कर दिया गया और 145 एमटीपी किट जब्त किए गए। आरोपियों के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।
एसटीएफ ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल को एक सप्ताह की रिपोर्ट सौंपी। राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत राज्य के लिंगानुपात में और अधिक सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर फोकस किया गया।
बैठक में बताया गया कि 12 सप्ताह या उससे अधिक समय में गर्भपात की संख्या एक सप्ताह के भीतर 425 से घटकर 226 हो गई, जो कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम है।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारी नपेंगे
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात की प्रथाओं के प्रति जीरो-टोलरेंस के दृष्टिकोण पर जोर दिया और अधिकारियों को सभी स्तरों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध गर्भपात में संलिप्त पाए जाने वाले डॉक्टरों के मामले को उनके लाइसेंस रद्द करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि विभाग को सभी पंजीकृत मामलों पर सख्ती से अमल करने और अवैध प्रथाओं में शामिल व्यक्तियों का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
