सवाईमाधोपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । रणथंभौर टाइगर रिजर्व (सवाई माधोपुर) के नजदीक मिले टाइगर टी-86 के शव का सोमवार सुबह पोस्टमॉर्टम हुआ। बाघ के मुंह पर धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह से हमला इंसान ही कर सकता है। टाइगर की बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी चोट के निशान मिले हैं। बाघ पर इतने हमले किए गए कि मौत से पहले उसकी जुबान बाहर लटक गई थी।
रविवार को रिजर्व के उलियाणा गांव के खेत में टाइगर का शव मिला था। यह वही गांव है, जहां शनिवार को टाइगर के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि जिस बाघ का शव मिला है, उसी ने ग्रामीण को मारा था। बाघ टी-86 को बाघिन लाडली टी-8 ने जन्म दिया था। टाइगर की उम्र 14 साल थी। जो जोन नंबर एक और दो में रहता था। टेरेटरी फाइट के चलते जोन एक और दो से निकलकर टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी। शनिवार (दाे नवंबर) को बाघ के हमले में भरत लाल मीणा पुत्र रामकल्याण मीणा निवासी उलियाना की मौत हो गई थी। भरत लाल रणथंभौर नेशनल पार्क की दीवार से सटे खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया था। टाइगर शव को लेकर करीब 20 मिनट तक बैठा रहा था। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि उस युवक को किस बाघ ने मारा था।
इसी साल अगस्त में रणथंभौर के गोपालपुरा गांव में टाइगर ने दो भाइयों पर हमला किया था। दोनों भाई इस हमले में बुरी तरह घायल हो गए थे। वन विभाग के अनुसार हमला रिजर्व से करीब एक किलोमीटर दूर हुआ था। दोनों घायल अपनी भैंस की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे बाघ ने अटैक कर दिया था। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बीते एक साल में 14 टाइगर व शावकों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर मौत टेरिटोरियल फाइट के कारण हुई हैं। अधिकारियों के अनुसार करीब 1700 वर्ग किलोमीटर में फैला रणथंभौर रिजर्व 10 जोन में बंटा है, लेकिन टाइगर की संख्या अधिक होने के कारण यहां आपसी संघर्ष भी बढ़ गया है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के अनुसार एक नर बाघ पर दो मादा बाघिन का रेशो होना चाहिए। रणथंभौर में 31 बाघों पर 30 बाघिन है जो भी संघर्ष का बड़ा कारण बन रहा है। रिजर्व में कुल 76 टाइगर हैं। वहीं राजस्थान में बाघों की कुल संख्या 137 है।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित