Jammu & Kashmir

तिब्बती संसद के प्रतिनिधिमंडल ने सांसद खटाना से मुलाकात की

तिब्बती संसद के प्रतिनिधिमंडल ने सांसद खटाना से मुलाकात की

जम्मू, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यसभा सांसद (मनोनीत) और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम अली खटाना से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में तिब्बती आबादी के ज्वलंत मुद्दों के बारे में जानकारी दी।

प्रतिनिधियों ने कहा कि तिब्बत आज सांस्कृतिक नरसंहार और तिब्बती पहचान के उन्मूलन के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। लगातार चौथे साल तिब्बत को फ्रीडम हाउस द्वारा 2024 फ्रीडम इंडेक्स रिपोर्ट में सबसे कम स्वतंत्र देश का दर्जा दिया गया है। चीन की नीतियों का उद्देश्य तिब्बती भाषा और संस्कृति को खत्म करना है जिसमें छह साल की उम्र के बच्चों को औपनिवेशिक बोर्डिंग स्कूलों में जबरन भेजना भी शामिल है। प्रतिनिधियों ने कहा कि सभी निजी तिब्बती माध्यम स्कूलों को बंद करना, जिनमें हाल ही में 12 जुलाई, 2024 को गोलोक में गंगजोंग शेरिग नोरबू लोबलिंग (जिग्मे ग्यालत्सेन नेशनलिटीज वोकेशनल स्कूल) शामिल है तिब्बती पहचान को प्रमुख हान संस्कृति में आत्मसात करने के तेज होते प्रयासों को उजागर करता है

उन्होंने आगे बताया कि पीआरसी ने तिब्बत में धार्मिक अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित करने के लिए नीतियां लागू की हैं। नगाबा कीर्ति और ल्हामो कीर्ति मठों के हाल ही में बंद होने से युवा भिक्षुओं को राज्य द्वारा संचालित आवासीय स्कूलों में जबरन दाखिला लेना पड़ा है। ये उपाय छोटे बच्चों सहित तिब्बतियों से बड़े पैमाने पर डीएनए संग्रह के साथ एक घुसपैठिया निगरानी व्यवस्था को दर्शाते हैं जिसका उद्देश्य तिब्बती धार्मिक प्रथाओं को नियंत्रित करना, भय पैदा करना और दबाना है। फरवरी 2009 से 157 तिब्बतियों ने पीआरसी की कठोर नीतियों का विरोध करते हुए और परम पावन दलाई लामा की वापसी और तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग करते हुए आत्मदाह किया है।

गुलाम अली खटाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व नेता के रूप में उभरा है तथा विभिन्न विश्व मुद्दों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि तिब्बती लोग भारत के मेहमान हैं तथा वे प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए मुद्दों को समाधान के लिए संबंधित पक्षों के समक्ष उठाएंगे।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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