
लखनऊ,29 मई (Udaipur Kiran) । डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने किया। इस अवसर पर पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि राज्य के हर नागरिक तक एटीईएमई उपचार पहुँचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि जीवनरक्षक थ्रोम्बोलाइटिक दवा की आपूर्ति राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक सुनिश्चित की जाएगी।
इस कार्यशाला का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से आए फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों को एक घातक प्रकार के हृदयाघात — की पहचान और उपचार के लिए मानकीकृत प्रोटोकॉल के प्रशिक्षण देना है। इस कार्यशाला का आयोजन चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया। लोहिया संस्थान लखनऊ का हृदय रोग विभाग एक केन्द्रीय हब के रूप में कार्य करेगा, जो विशेषज्ञ सलाह, ईसीजी व्याख्या और उन्नत उपचार सुविधाएँ प्रदान करेगा। अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर और अन्य ज़िलों के अस्पताल स्पोक अस्पतालों के रूप में कार्य करेंगे, जहाँ प्रारंभिक पहचान और थ्रोम्बोलाइसिस हब की निगरानी में की जाएगी।
लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भुवन तिवारी ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि यह मॉडल रीयल-टाइम समन्वय, शीघ्र पहचान और उपचार की तेज़ डिलीवरी को सुनिश्चित करता है, विशेष रूप से गोल्डन आवर के भीतर जो जीवन रक्षक समय होता है।
उद्घाटन सत्र में केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ऋषि सेठी और सीएमओ वाराणसी डॉ. संदीप चौधरी ने अपने ज़मीनी अनुभव साझा किए।
प्रथम दिवस में अयोध्या जनपद के स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया, जिनके लिए ईसीजी व्याख्या, प्रबंधन एवं रियल-टाइम सिमुलेशन जैसे सत्र आयोजित किए गए।आगामी दो दिनों में अन्य ज़िलों की टीमें भी कार्यशाला में भाग लेंगी, जिससे राज्य में एकीकृत, उत्तरदायी और जीवन रक्षक उपचार प्रणाली की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
