-पानी की डिमांड और अंतर पर एकत्रित किया जा रहा डाटा
नारनाैल, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला महेंद्रगढ़ में वर्ष 2028 तक एकीकृत जल संसाधन योजना बनाई जा रही है। इन्हीं जल संसाधनों के प्रबंधन को लेकर बुधवार को अतिरिक्त उपायुक्त डॉ आनंद कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। एडीसी ने बताया कि हरियाणा राज्य में जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने तीन साल की एकीकृत जल संसाधन योजना 2025-28 तैयार की जा रही है। इस दौरान सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा संबंधित विभागों से कुछ इनपुट एकत्रित करेगा। डेटा प्राप्त होने पर उपलब्ध जल तथा डिमांड अंतर की गणना की जाएगी और अंतर को कम करने के उपाय संबंधित विभागों द्वारा प्रस्तावित किए जाएंगे।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत रणनीति तैयार करना ताकि राज्य के जल संसाधनों की चुनौतियों का सामना किया जा सके। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत जल संसाधनों का संरक्षण किया जाए तथा जलभराव के उन्मूलन के लिए कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में जिले में जल की उपलब्धता 571.634 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) थी, जबकि जल की मांग 636.470 एमसीएम थी। इस तरह जल की कमी लगभग 64.836 एमसीएम थी। अब जल संसाधन विभाग, हरियाणा द्वारा जिला जल संसाधन योजना 2025-28 तैयार की जा रही है। अब इस रिपोर्ट से यह पता चलेगा की जिला महेंद्रगढ़ में इस गैप को कम करने में कितनी सफलता मिली है। सरकार नहर विभाग के प्रयासों से पिछले 10 साल में नहरी पानी की उचित मात्रा में उपलब्धता होने के कारण जल स्तर में भी काफी सुधार हुआ है। इस मौके पर सिंचाई विभाग के एक्सईएन नितिन भार्गव के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला