भीलवाड़ा, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले के हुरड़ा-आगूचा मार्ग पर स्थित अंबेडकर छात्रावास के पास शुक्रवार को हादसे में तीन मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब तीनों बच्चे क्रिकेट खेलने के बाद नहाने के लिए छात्रावास के पीछे स्थित तालाब (नाड़ी) में उतर गए। मृतकों में दो सगे भाई, हेमेन्द्र और लोकेन्द्र, और उनके दोस्त प्रिंस दायमा शामिल हैं।
हुरड़ा ग्राम के रहने वाले ये तीनों बच्चे आज अंबेडकर छात्रावास में अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए जमा हुए थे। खेल के बाद, गर्मी से राहत पाने के लिए तीनों नहाने के उद्देश्य से छात्रावास के पीछे स्थित तालाब में चले गए। तालाब का पानी गहरा होने के कारण तीनों बच्चे डूब गए।
घटना की जानकारी मिलते ही आस-पास के लोग और अन्य बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे। घटना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए और बच्चों को बचाने के प्रयास में जुट गए। सूचना मिलने पर गुलाबपुरा थाना प्रभारी पूरणमल, एसडीएम रोहित चैहान, पूर्व पालिका अध्यक्ष धनराज गुर्जर और अन्य जनप्रतिनिधि भी तुरंत मौके पर पहुंचे।
गोताखोरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्चों की तलाश शुरू की। काफी मशक्कत के बाद तीनों बच्चों के शवों को तालाब से बाहर निकाला गया। दो बच्चों को तत्काल गुलाबपुरा चिकित्सालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। तीसरे बच्चे का शव भी कुछ देर बाद बरामद कर लिया गया और उसे मोर्चरी में रखवाया गया।
मृतकों के परिवारों पर यह घटना दुखों का पहाड़ बनकर टूटी। दो सगे भाई हेमेन्द्र और लोकेन्द्र की एक साथ मौत ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। प्रिंस दायमा के परिजन भी बेटे की इस असामयिक मौत से टूट गए हैं। सभी मृतक बच्चों की उम्र 12 से 14 साल के बीच बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। एसडीएम रोहित चैहान ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। गुलाबपुरा थाना प्रभारी पूरणमल ने बताया कि हादसे की विस्तृत जांच की जाएगी और बच्चों के डूबने के कारणों का पता लगाया जाएगा।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की कि तालाब के आसपास सुरक्षा इंतजाम किए जाएं और बच्चों के लिए चेतावनी संकेत लगाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। तालाब के गहरे पानी और उसके असुरक्षित किनारों के बारे में स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए ताकि बच्चों को वहां खेलने या नहाने से रोका जा सके।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद