जम्मू, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज, जम्मू-कश्मीर द्वारा दक्षिण एशिया के आईवाईआरपी सपोर्ट ग्रुप और नाबार्ड के सहयोग से आयोजित ’सतत ग्रामीण विकास के लिए रंगभूमि प्रबंधन’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र श्रीनगर में शुरू हुई।
इस कार्यशाला का उद्देश्य रेंजलैंड के स्थायी प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों में चल रहे सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं का उपयोग करना है। उद्घाटन सत्र में सुरेश गुप्ता प्रमुख सचिव संस्कृति और प्रधान मुख्य संरक्षक वन एवं एचओएफएफ, जम्मू-कश्मीर, सचिव आरडीडी एंड पीआर डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी, पी. विवेकानंदन अध्यक्ष आरआईएसजी-एसए, डॉ. रवींद्र एस. गवली प्रोफेसर और प्रमुख, सीएनआरएम सीसी और डीएम एनआईआरडीपीआर हैदराबाद, रविंदर यादव निदेशक रेनफेड एरिया अथॉरिटी, भारत सरकार और विभाग के एचओडी उपस्थित थे।
कार्यशाला ने प्रतिभागियों के एक विविध समूह को एक साथ लाया है जिसमें विशेषज्ञ, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों के अधिकारी, शोधकर्ता, विद्वान और छात्र शामिल हैं। उद्घाटन सत्र के दौरान प्रमुख सचिव संस्कृति सुरेश गुप्ता ने सरकारी एजेंसियों, वैज्ञानिक संस्थानों, स्थानीय समुदायों और गैर सरकारी संगठनों को शामिल करते हुए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह सहयोग रेंजलैंड प्रबंधन रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है।
सुरेश गुप्ता ने जम्मू और कश्मीर में विशेष रूप से अल्पाइन और उप-अल्पाइन क्षेत्रों में समृद्ध जैव विविधता और व्यापक रेंजलैंड पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रेंजलैंड्स जम्मू और कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 4.32 प्रतिषत कवर करते हैं जिसमें जम्मू में 3.53 प्रतिषत और कश्मीर में 13.22 प्रतिषत शामिल है। ये क्षेत्र कुल 9,59,500 हेक्टेयर, स्थानीय आजीविका, पशुचारण, कृषि, औषधीय पौधों की कटाई और पर्यटन का समर्थन करने के लिए आवश्यक हैं। सचिव आरडीडी डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने रेंजलैंड्स के ऐतिहासिक महत्व और दुनिया भर में अद्वितीय सभ्यताओं को बनाए रखने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला रेंजलैंड्स के आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों मूल्यों का पता लगाएगी और विभिन्न राज्यों की चर्चाओं के आधार पर सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए एक रोडमैप विकसित करेगी। आरआईएसजी-एसए जम्मू की सदस्य डॉ. स्मृति स्मिता महापात्र ने कार्यशाला का एजेंडा, उद्देश्य, प्राथमिकताएं और अपेक्षित परिणाम प्रस्तुत किए। एक स्पेनिश पारिस्थितिकीविज्ञानी और ड्राईलैंड्स और देहातीवाद पर सलाहकार डॉ. पेड्रो एम. हेरेरा ने भी कार्यशाला को वस्तुतः संबोधित किया, और रेंजलैंड्स और देहातीवाद पर अपनी विशेषज्ञता और सुझाव साझा किये। कार्यशाला में महानिदेशक, ग्रामीण स्वच्छता, जम्मू-कश्मीर, निदेशक आरडीडी जम्मू, निदेशक आरडीडी कश्मीर, निदेशक पंचायती राज जम्मू-कश्मीर, सीईओ आईडब्ल्यूएमपी, सीओओ हिमायत, संयुक्त निदेशक आरडीडी, अतिरिक्त सचिव/मनरेगा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह
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