Uttar Pradesh

भव्य समारोह के साथ तीन दिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी का हुआ समापन 

राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप
राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप
राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप
राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप

अयोध्या, 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीरामलला के विराजमान लेने का प्रथम वार्षिकोत्सव प्रतिष्ठा द्वादशी के तीसरे दिन सोमवार को सुबह से राम मंदिर में दर्शन का क्रम मंदिर के कपाट बंद होने तक चलता रहा। मंदिर में भजन, पूजन और गर्भगृह के निकट मंडप में राग सेवा कार्यक्रम, यज्ञ मण्डप में हवन पूजन के साथ अंगद टीला पर सांस्कृतिक समारोह संत प्रवचन, श्री राम कथा सम्पन्न हुई।पौष पूर्णिमा का आज उल्लास छलकता नजर आया। आज श्रद्धालुओं ने सरयू में डुबकी लगाई और मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप में हवन पूजन के कार्यक्रम के मुख्य यजमान गोपाल, पूर्व मेयर ऋषिकेश उपाध्याय व पूर्व सांसद लल्लू सिंह द्वारा सम्पन्न कराया गया।

रामलला के विग्रह की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर होने पर आयोजित तीन दिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव का सोमवार को समापन हुआ। इस साल दिसम्बर माह में एक बार फिर बालकराम के प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसकी वजह यह है कि पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि 31 दिसम्बर को फिर पड़ रही है। राममंदिर के अनुष्ठानों का सिलसिला सायंकाल हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ हुआ।

राग-सेवा का आरम्भ आरती अंकलिकर के शास्त्रीय गायन से हुआ। जिसके बाद प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण की कथक प्रस्तुति हुई। अन्त में दक्षिण के गायक श्रीकृष्ण मोहन एवं श्रीराम मोहन त्रिचूर ब्रदर्स के शास्त्रीय गायन व श्रीराम भजन से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अंगद टीला पर चल रहे समारोह में भक्तों की भीड़ जमी रही।

रामनगरी में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिकोत्सव में करीब छह लाखसे अधिक श्रद्धालु इन तीन दिनों में प्रतिदिन राम नगरी पहुंचे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी पर 2 लाख 11 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। उसके बाद प्रतिदिन औसतन दो लाख श्रद्धालुओं ने रामलला का आशीर्वाद लिया।

ट्रस्ट कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिक उत्सव को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के नाम से प्रसिद्ध किया जाए। इसे लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है, उसी तरह भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिकोत्सव को भी ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी पर भगवान राम का महाअभिषेक और पूजन किया गया और मंदिर परिसर में चारों वेदों का पारायण किया गया ।राम जन्मभूमि की यज्ञशाला में वैदिक हवन और यज्ञ किया गया।

(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय

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