Uttrakhand

शांतिकुंज में तीन दिवसीय ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का समापन

कलश यात्रा के दौरान

-शैल दीदी ने चार राज्यों के लिए 11 ज्योति कलशों का किया पूजन

हरिद्वार, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि यह समय हम सभी के लिए संकीर्णता से ऊपर उठने का है। व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़कर सामूहिकता के साथ चलने का है। अधर्म से धर्म के पथ पर अग्रसर होने का है।

शैल दीदी शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयेाजित तीन दिवसीय ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला के विदाई सत्र को वचुअर्ल संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर देश के पूर्व व पश्चिम के राज्यों से आये 1500 से अधिक गायत्री परिवार के चयनित कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर जब श्रद्धा उभरती है और हम सामूहिकता के साथ कार्य करते हैं, तब बड़े से बड़ा कार्य सहजता के साथ सम्पन्न हो जाता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के विकास हेतु संस्कृति के संवाहकों-युग निर्माण के सैनिकों को संगठित होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि विचार सशक्त व प्रबल होंगे, तो नकारात्मकता और कुविचारों को आसानी से मिटाया जा सकता है।

कार्यशाला के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि युग निर्माण योजना के सूत्रधार युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के दिव्य संकल्पों का प्रतीक है-अखण्ड दीपक। इसी अखण्ड दीपक व माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 में है। जन्मशताब्दी वर्ष को पूरे देश में उमंग व उत्साह के साथ मनाया जाना है। यह समय मानवता के लिए सूर्योदय का है। आलस्य, प्रमाद को छोड़कर सक्रियता को अपनाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ज्योति कलश यात्रा को महाराष्ट्र, गोवा, बिहार व झारखण्ड के गाँव-गाँव, नगर-नगर, शहर-शहर लेकर जाना है और वहाँ ज्योति कलश से सद्विवेक रूपी सद्ज्ञान को छलकाना है।

शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी ने बताया कि माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष व प्रकाशपुंज के स्रोत सिद्ध अखण्ड दीपक की शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पूरे देश में शृंखलाबद्ध रूप से ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। इसी क्रम में गोवा, महाराष्ट्र, बिहार और झारखण्ड के लिए शैलदीदी ने 11 दिव्य ज्योति कलश का विशेष वैदिक कर्मकाण्ड के साथ पूजन किया और परिजनों को सौंपा। इस कलश को लेकर शांतिकुंज, हरिपुर कलॉ व देवसंस्कृति विवि क्षेत्र में ज्योति कलश यात्रा निकाली गयी और यही यात्रा देश के पूर्व व पश्चिम के राज्यों में पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का आज समापन हो गया।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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